अबॉर्शन कानून के खिलाफ ऐक्ट्रेस की ‘सेक्स हड़ताल’ की अपील

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वॉशिंगटन। अमेरिकी अभिनेत्री एलिसा मिलानो अबॉर्शन संबंधी कानून के खिलाफ महिलाओं से सेक्स स्ट्राइक की अपील की। हॉलिवुड में #MeeToo अभियान की शुरुआत करनेवाली मिलानो ने इस कानून को महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ बताते हुए इस कानून के विरोध में एकजुट होने का संदेश दिया।

अभिनेत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पार्टनर को सेक्स के लिए इनकार करने का संदेश दिया। उन्होंने लिखा कि महिलाओं को अपने पार्टनर पर तब तक सेक्स स्ट्राइक करना चाहिए जब तक हमारी देह पर हमारा अधिकार फिर से न मिले।

यह है पूरा मामला
अमेरिका में जॉर्जिया चौथा राज्य है जिसने अबॉर्शन पर बैन के नियम बदले हैं। हार्टबीट लॉ के तहत यह प्रावधान किया गया है कि भ्रूण के दिल की धड़कन का पता चलने के साथ ही महिलाएं अबॉर्शन नहीं करवा सकेंगी। आम तौर पर भ्रूण की धड़कनें 6 सप्ताह में महसूस की जा सकती है और अक्सर तब तक महिलाओं को अपने गर्भवती होने का अहसास भी नहीं होता है। रिपब्लिकन नेतृत्ववाले राज्य मे इस कानून को लेकर काफी विवाद भी हो रहा है।

एलिसा ने सेक्स स्ट्राइक के संबंध में अपने सोशल मीडिया पर कई ट्वीट किए। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा,’हम सबको यह समझने की जरूरत है कि पूरे देश में स्थितियां कितनी खराब हैं। हम यह अहसास कराने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे शरीर पर हमारा ही अधिकार है और हम इसका कैसे इस्तेमाल करना चाहते हैं।’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘हम प्रेम करते हैं और अपने शरीर की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष भी कर सकते हैं। मर्दों की बराबरी के लिए बहुत से और वैकल्पिक तरीके हैं। अपने वजाइना की रक्षा करो, लेडीज! सत्ता के पदों पर बैठे मर्द उस पर भी नियंत्रण की कोशिश कर रहे हैं।’

मीटू आंदोलन की नेतृत्वकर्ता एलिसा के इस अभियान का कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं तो कुछ उनके खिलाफ भी हैं। उनके विचार का विरोध लिबरल और कंजर्वेटिव दोनों ही कर रहे हैं। कंजर्वेटिव इसकी आलोचना करते हुए कह रहे हैं कि शायद इसका उद्देश्य सेक्स को लेकर संयम बढ़ाना है। लिबरल भी इसकी आलोचना करते हुए कह रहे हैं कि सेक्स स्ट्राइक ऐसा विचार है कि मानो महिलाएं शारीरिक संबंध बनाकर पुरुषों के लिए कोई अहसान कर रही हों।