कोटा। जिस प्रकार से देशभर में आए दिन छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे समाज के लोग चिंतित नजर आ रहे है। सरकार दुष्कर्म जैसे मामलों पर रोक लगाने में विफल हो रही है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह फास्ट कोर्ट की स्थापना करने के साथ मामले का जल्द से जल्द निस्तारण करें।
यह बात एसटीएससी आयोग, केंद्र सरकार के पूर्व सदस्य डॉ. ताजुद्दीन अंसारी ने रविवार को पत्रकारों से कही। डॉ. अंसारी ने पत्रकारों को बताया फास्ट कोर्ट की स्थापना के बाद दोषियों को 30 दिन के अंदर-अंदर सजा मिलनी चाहिए। ताकि दुष्कर्म जैसे मामलों पर काफी हद तक रोक लग सकें।
डॉ. अंसारी ने बताया कि प्रदेश में अंसारी समाज की बहुतायत संख्या में लोग है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा समाज को नजरअंदाज किया जा रहा है। सरकार को चाहिए कि अंसारी समाज को केंद्र या राज्य सरकार में संवैधानिक पद मुहैया करवाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोटा समेत हाड़ौती में अंसारी समाज द्वारा कोटा साड़ी, कोटा डोरिया समेत अन्य साडिय़ों को बुना जाता है, लेकिन बुनकरों को उनकी मेहनत का लाभ नहीं मिल रहा है। कोटा साड़ी के एक्सपोर्ट में अंसारी समाज का महत्वपूर्ण योगदान है, लेकिन समाज को उसका उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है।
ड्यूटी फ्री धागा मुहैया कराएं
ओबीसी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शब्बीर अहमद अंसारी ने पत्रकारों को बताया कि अंसारी समाज कोटा साड़ी की मैन्यूफैक्चरिंग कर विदेशी मुद्रा भारत में लाता है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह समाज को एक्साइज ड्यूटी फ्री धागा मुहैया कराएं, जिससे उनका कारोबार और अधिक बढ़ सकें।
कोटा में धागा डिपो की स्थापना हो
इसके अलावा बुनकर समाज को सीधा लाभ देने के साथ कोटा में धागा डिपो की स्थापना करने के साथ-साथ रियायती दरों पर धागा मुहैया करवाना चाहिए। इसके अलावा बुनकर समाज को 60 से 90 दिन का क्रेडिट दिया जाना चाहिए।
ताकि वह उत्पाद को बेचकर समय पर पैसा चुका सकें। ओबीसी संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष फाजिल अंसारी ने बताया कि अंसारी समाज के बच्चों को उच्च शिक्षा में आरक्षण देना चाहिए। इस मौके पर समाज के सदर लियाकत हुसैन अंसारी आदि उपस्थित थे।
अंसारी समाज के 86 जोड़े बने एक-दूसरे के हमसफर
पंचायत अंसारियान समिति की ओर से रविवार को डीसीएम रोड स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज मैदान में सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया। पंचायत अंसारियान समाज समिति कोटा के सदर लियाकत हुसैन अंसारी ने बताया कि सम्मेलन में 86 जोड़े एक-दूसरे के हमसफर बनें।
सम्मेलन में अजमेर दरगाह दीवान सैय्यद जेनुआबेदिन अली खां, एसटीएससी आयोग, केंद्र सरकार के पूर्व सदस्य डॉ. ताजुद्दीन अंसारी, ओबीसी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शब्बीर अहमद अंसारी, ओबीसी संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष फाजिल अंसारी, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल, पूर्व सांसद इज्यराज सिंह समेत कई जनप्रतिनिधियों ने शिरकत कर दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दिया।
समारोह में दरगाह दीवान ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से फिजूलखर्ची पर रोक लगने के साथ-साथ समाज को एक साथ मंच पर लाने का यह सशक्त माध्यम है। एसटीएससी आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. ताजुद्दीन अंसारी ने कहा कि अंसारी समाज ने कोटा में ऐतिहासिक सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन कर देश-दुनिया को दहेज नहीं लेने का संदेश दिया है।
उन्होंने पंचायत अंसारियान समिति, कोटा के पदाधिकारियों की तारीफ करते हुए कहा कि पंचायत अंसारियान समाज ने कोटा में सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन कर समाज को एक मंच पर लाने के साथ-साथ अमीरी-गरीबी का भेद मिटाया। समारोह को पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने भी संबोधित किया।
अतिथियों ने वर-वधुओं गृहस्थी का सामान भेंटकर मुबारकबाद दी। इस मौके पर समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जमील अंसारी, वरिष्ठ सचिव जाकिर हुसैन, नायाब खाजिम शाकिर हुसैन, शाबिर भाई, रज्जाक, जहूर भाई, रफीक, शेर खान, परवेज, तारिफ समेत हजारों समाज के लोग उपस्थित थे।