ऊर्जा मंत्री नागर ने पुरी में आयोजित ग्लोबल एनर्जी लीडर्स समिट 2025 में हिस्सा लिया
कोटा/ सांगोद। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने शनिवार को पुरी (ओडिशा) के ऐतिहासिक समुद्री तट पर आयोजित ग्लोबल एनर्जी लीडर्स समिट 2025 में राजस्थान के प्रतिनिधि के तौर पर हिस्सा लिया। इस दौरान मंत्री नागर ने समिट में सस्टेनेबल एनर्जी का रोडमैप रखते हुए विस्तृत चर्चा की।
समिट की मुख्य थीम “पर्याप्तता, संतुलन और इनोवेशन” थी। समिट ऊर्जा क्षेत्र की चुनौतियों पर केंद्रित रही और भविष्य के समाधान भी प्रस्तुत किए गए।इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि आज भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, ऊर्जा आत्मनिर्भरता, ग्रीन ट्रांजिशन और नेट जीरो भविष्य की ओर तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने 2030 तक 500 गीगावॉट एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य रखा है। राजस्थान भी 125 गीगावॉट उत्पादन कर प्रधानमंत्री के इस संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पुरी में जगन्नाथ भगवान इस संकल्प की पूर्ति में सहयोगी बनेंगे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान अपनी ऊर्जा जरूरत को पूरा करने के साथ ही, देश की ऊर्जा के क्षेत्र में चुनौती को भी दूर करने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि पीक आवर्स में ऊर्जा की डिमांड एक बड़ी चुनौती है।
बैट्री स्टोरेज के द्वारा इस समस्या का बहुत हद तक समाधान किया जा सकता है। राजस्थान में 6000 मेगावाट बैटरी स्टोरेज के टेंडर की जा चुके हैं। जिनमें से कुछ यूनिट चालू होने वाली हैं और अभी कुछ पाइपलाइन में हैं।
ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि भगवान सूर्य देव का राजस्थान पर अपार आशीर्वाद है। जहां रेतीले टीले अब सोना उगल रहे हैं। पिछले दिनों राजस्थान में हुई समिट के दौरान 35 लाख करोड़ के एमओयू हुए थे। जिनमें से 28 लाख करोड़ के एमओयू ऊर्जा क्षेत्र से हैं।
इन्हें आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान में रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी बनाई गई है। जिसके द्वारा निवेशकों को प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है।
समिट का उद्घाटन ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने किया। साथ ही, केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी, ओडिशा सरकार के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव, दिल्ली एनसीटी सरकार के बिजली मंत्री आशीष सूद समेत वैश्विक डेलीगेट्स, पॉलिसी मेकर्स और इनोवेटर्स पहुंचे थे।

