Kota Mahotsav: चंबल महाआरती से दिव्य हुए घाट, हजारों लोग दीपदान में हुए शामिल

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10 हजार इलेक्ट्रिक दीयों से रोशन हुआ चंबल रिवर फ्रंट का शौर्य घाट

कोटा। Kota Mahotsav 2024: कोटा महोत्सव के पहले दिन की शुरुआत जहां गणपति की आराधना से हुई वहीं शाम को मां चंबल की महाआरती कर सदा नीरा का आशीर्वाद लिया गया। सोमवार संध्या को चंबल रिवर फ्रंट के शौर्य घाट पर चंबल महाआरती का भव्य आयोजन किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोटा, प्रदेश एवं राष्ट्र की समृद्धि खुशहाली एवं विकास के संकल्प के साथ चम्बल आरती कर आशीष मांगा।

इस अवसर पर शास्त्रीय संगीत के सुरों और मधुर धुनों ने वातावरण को दिव्य बना दिया। बनारस के प्रख्यात पंडित उमाकांत शास्त्री एवं पंडित समूह द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ चम्बल माता की आरती की गई। हाथों में दीपक और चहुंओर जगमग दीपों की पंक्तियों से घाट जीवंत हो उठे। आरती के बाद दीपदान का आयोजन भी किया गया, जिसने पूरे माहौल को आध्यात्मिक और मनमोहक बना दिया।

इस अवसर पर रिवर फ्रंट के घाटों पर सजी सांस्कृतिक संध्या में गणेश वंदना फिर बैंड द्वारा केसरिया बालम धुन बजाकर प्रस्तुति दी गई। शिव के चंद्रशेखर रूप स्तुति पर विशेष नृत्य प्रस्तुत किया गया। यह कार्यक्रम कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन द्वारा किया गया। हजारों श्रद्धालु शौर्य घाट पर आरती, दीपदान, और आतिशबाजी के इस दिव्य आयोजन के साक्षी बने।

महाआरती के साथ शौर्य घाट पर दीपदान का आयोजन सिंफनी कंपनी द्वारा किया गया। सैकड़ों दीपों की जगमगाहट ने चंबल नदी के किनारों को दिव्यता से भर दिया। श्रद्धालुओं ने दीप प्रवाहित कर अपने श्रद्धा भाव प्रकट किए। शानदार आतिशबाजी का आयोजन भी किया गया। रंग-बिरंगी आतिशबाजी ने घाट की सुंदरता को चार चांद लगा दिए और उपस्थित श्रद्धालुओं के उत्साह को और बढ़ा दिया।

सिंफनी कंपनी की प्रस्तुति ने चंबल आरती को और भी विशेष बना दिया। उनकी मधुर धुनों और सुरों ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। श्रद्धालुओं ने इस आयोजन को भक्ति और सांस्कृतिक संगम का एक अद्वितीय अनुभव बताया। चम्बल माता की आरती में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा आटे से बनाए गए एक हजार दिए भी जगमगाए। कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन द्वारा करीब 10 हजार इलेक्ट्रिक दिए आमजन को वितरित किए गए जिनसे लोगों ने चम्बल माता की आरती की।