पीकेसी-ईआरसीपी प्रोजेक्ट से राजस्थान को कितना मिलेगा पानी, जानिए

0
4

जयपुर। PKC-ERCP प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान के जयपुर दौरे पर आ रहे है। पीएम यहां ‘पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पीकेसी-ईआरसीपी का शिलान्यास करेंगे। योजना के तहत राजस्थान के झालावाड़, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, गंगापुर, दौसा, करौली, भरतपुर और अलवर जैसे जिलों को पानी उपलब्ध कराना है।

सीएम भजनलाल शर्मा के मुताबिक इससे राजस्थान के 13 जिलों को काफी लाभ मिलेगा, इससे 13 लाख 80 हजार हैक्टेयर भूमि की सिंचाई भी होगी और 13 जिलों को पानी भी मिलेगा। ये परियोजना पूर्वी राजस्थान, मध्यप्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्रों के 13 जिलों में पेयजल और औद्योगिक जरूरतों के लिए पानी उपलब्ध कराने के अलावा दोनों राज्यों में 2.8 लाख हैक्टेयर क्षेत्र (या इससे अधिक) (कुल 5.6 लाख हैक्टेयर या इससे अधिक) में सिंचाई सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव करती है।

इसमें राज्यों के रास्ते में पड़ने वाले तालाबों की पूर्ति भी शामिल है। संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना चंबल बेसिन के उपलब्ध जल संसाधनों का किफायती और आर्थिक रूप से उपयोग करने में मदद करेगी। यदि यह प्रोजेक्ट धरातल पर उतर जाता है तो पानी का संकट झेल रहे पूर्वी राजस्थान यह बड़ा बदलाव लाने वाली परियोजना साबित होगी।

राजस्थान के झालावाड़, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, गंगापुर, दौसा, करौली, भरतपुर, अलवर समेत 21 नवगठित जिलों और मध्यप्रदेश में गुना, शिवपुरी, श्योपुर, सीहोर, शाजापुर, राजगढ़, उज्जैन, मंदसौर, मुरैना, रतलाम, ग्वालियर आदि जिलों में इस परियोजना से पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा। इसी ईआरसीपी को लेकर पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने भी काम शुरू किया था।

बता दें राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने ईआरसीपी की डीपीआर तैयार करवाई। इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को 14 बार पत्र भी लिखे, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया। अब राजस्थान और एमपी में बीजेपी की सरकार है और नए सिरे से MoU भी कर लिया गया है। अब आज प्रधानमंत्री मोदी परियोजना को लेकर बड़ा ऐलान कर सकते हैं। हालांकि, पूर्व सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि किसानों को सिंचाई का पानी नहीं मिलेगा। सरकार ने एमसी से नया एग्रीमेंट कर लिया। उसको गुप्त रखा जा रहा।

इस योजना का लाभ एमपी के भिंड, मुरैना, ग्वालियर सहित कई जिलों को मिलेगा। यह योजना न केवल पेयजल अथवा औद्योगिक पूर्ति भी करेगी। इसके लिए मध्यप्रदेश में 7 डैम बनेंगे। यह योजना राजस्थान और मध्यप्रदेश के लिए बहुत ही आवश्यक है।

बता दें जनवरी 2024 में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) का नाम बदलकर पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना कर दिया। पीकेसी-ईआरसीपी में चंबल और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज शामिल हैं।