जौहरबाई तालाब का पुरातत्व एवं सांस्कृतिक महत्व बनाए रखते हुए पुनरुद्धार हो: इंटेक

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विरासत और पर्यावरण की गंभीर चुनौतियां विषय पर इंटेक की संगोष्ठी में बोले पर्यावरण विशेषज्ञ

कोटा। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज “इंटेक” की ओर से जोहराबाई तालाब नान्ता स्थित सकस जी महाराज के आश्रम पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इंटेक कोटा चैप्टर के कन्वीनर निखिलेश सेठी ने बताया कि संगोष्ठी में “विरासत और पर्यावरण की गंभीर चुनौतियां” विषय पर विभिन्न पर्यावरणविदों ने विचार रखे।

इस दौरान इंटेक (Indian National Trust for Art and Cultural Heritage) की ओर से नान्ता के ऐतिहासिक जोहराबाई तालाब के जीर्णोद्धार के लिए विशेष अभियान चलाने पर चर्चा हुई। इंटेक ने सरकार से भी तालाब के पुरातत्व और सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखते हुए पुनरुद्धार की मांग की है।

संगोष्ठी में कोटा चैप्टर के कन्वीनर निखिलेश सेठी ने कहा कि जौहरबाई का तालाब कोटा शहर के निकट अद्भुत प्राकृतिक विरासत है। जो वर्षा जल संरक्षण का अद्भुद मॉडल है। जहां देश विदेश के पक्षी डेरा डालते हैं। इसे शासन एवं समाज के संयुक्त प्रयासों से बचाया जाना चाहिए। सेठी ने कहा कि पूर्व में थर्मल की राख के कारण यह तालाब भर गया था।

अब रख का सदुपयोग होने से तालाब खाली हो गया है। इसमें वर्षा जल भी एकत्रित रहने लगा है। सरकार के मामूली प्रयासों से इस जल राशि को पुनर्जीवित कर कोटा का केवलादेव बनाया जा सकता है। को- कन्वीनर बहादुर सिंह हाडा ने कहा कि यह तालाब नांता क्षेत्र के भूगर्भ जल का पुनर्भरण करने में भी सहयोगी हो सकता है।

इंटेक की लाइफ मेंबर एकता धारीवाल ने कहा कि हमें प्राथमिकता तय करते हुए इस ऐतिहासिक विरासत को बचाने के लिए संयुक्त प्रयास करने चाहिए। सरकार के स्तर पर सुनवाई नहीं होती है तो इस विषय को लेकर जनता के बीच जाएंगे। प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनिल शर्मा ने सगस जी आश्रम पर स्थित तालाब के ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व की जानकारी दी।

पर्यावरणविद बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि तालाब को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार को गंभीर प्रयास करने चाहिए। थर्मल प्रशासन भी सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत् सीएसआर फंड से तालाब को संरक्षित कर सकता है। एडवोकेट तपेश्वर भाटी ने कानूनी पहलुओं की जानकारी दी।

बैठक में इतिहासविज्ञ डॉ. सुषमा आहूजा, एएच ज़ैदी, मेघराज सिंह, अभय सिंह तंवरान, डॉ. आरके जैन, कृष्णेन्द्र सिंह, डॉ. किरण चौधरी, यज्ञदत्त हाड़ा, पीयूष जैन मुवासा, यंग मेंबर्स दिलदार, ओजस्वी, पीसी जैन, अमित कुमार ने भी सुझाव दिए। इस अवसर पर सगस जी आश्रम से जुड़े कन्हैया लाल केवट, पवन केवट एवं कहार केवट भोई कश्यप, कीर समाज के प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर कहार ने इंटेक के सदस्यों का स्वागत किया ‌।

शाहबाद के जंगलों को बचाने के लिए चलाएंगे पोस्टकार्ड अभियान
कन्वीनर निखिलेश सेठी ने बताया कि प्राकृतिक विरासत शाहबाद के जंगलों को बचाने के लिए इंटेक की ओर से पोस्टकार्ड अभियान चलाया जाएगा। जिसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मुख्य न्यायाधीश को अधिक से अधिक पोस्टकार्ड भेजकर प्राकृतिक विरासत को बचाने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या की गणना उचित तरीके से कराई जाए तो यह 1200 तक पहुंचेंगी।