रक्त को मशीन में नहीं बनाया जा सकता, मानवदेह ही एकमात्र विकल्प: सैनी

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शुभ संकल्प सेवा समिति का रक्तदान सेवा सम्मान समारोह एवं सांस्कृतिक संध्या 10 को

कोटा। शुभ संकल्प सेवा समिति द्वारा श्रीनाथपुरम (बालाजी नगर) ऑडिटोरियम में 10 नवंबर को आयोजित होने वाले समाज सेवा एवं रक्तदान सम्मान समारोह की तैयारियां ईश्वरलाल सैनी के नेतृत्व में चल रही हैं।

शुभ संकल्प सेवा समिति द्वारा आयोजित इस समारोह में समाज सेवा और रक्तदान में उल्लेखनीय योगदान देने वाले 150 से अधिक व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष ईश्वरलाल सैनी ने इस अवसर को समाजसेवियों के प्रति सम्मान व्यक्त करने और समाज में जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया।

उन्होंने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि रक्तदान महादान है और मानवीय रक्त का विकल्प मात्र मनुष्य ही है। रक्त किसी मशीन से पैदा नहीं किया जा सकता है। इसलिए यह हमारा नैति​क धर्म है कि अधिक से अधिक रक्तदान को बढावा मिल सके। इसी उद्देश्य से रक्तदाताओ का सम्मान समारोह आ​योजित किया जा रहा है। बैठक में पीपी गुप्ता, शिवकुमार सोनी, अनिल ​चितौड़ा एवं अनिल गुप्ता सहित कई लोग उपस्थित रहे।

संरक्षक जीडी पटेल ने बताया की समारोह को सफल बनाने के लिए 50 कार्यकर्ताओं की टीम बनाई गई है। बैठक में समिति के पदाधिकारियों ने स्वागत, रजिस्ट्रेशन, मंच सजावट, प्रकाश एवं ध्वनि व्यवस्था,तथा अतिथि सम्मान के लिए टीमों का गठन किया गया है।

समिति के उपाध्यक्ष पीपी गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम में समाज सेवा और रक्तदान के क्षेत्र में समर्पित 150 व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा।इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को आमंत्रित किया गया है। साथ ही, ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, विधायक संदीप शर्मा, और अन्य प्रतिष्ठित अतिथि भी शामिल होंगे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन
सचिव लक्ष्मण सिंह समिति बताया कि समारोह का शुभारंभ गणेश वंदना से होगा, जिसमें बरखा जोशी और उनकी टीम सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगी। साथ ही, कवि राजेंद्र पंवार के नेतृत्व में कवि सम्मेलन का आयोजन भी होगा, जिसमें जाने-माने कवि भाग लेंगे।

समारोह का उद्देश्य
ईश्वर लाले सैनी ने कहा कि समाज सेवा और रक्तदान में अग्रसर व्यक्तियों का सम्मान कर समाज में सेवा की भावना को प्रोत्साहित करना इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है। यह आयोजन समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देगा। इससे युवाओं को सामाजिक कार्यों में रुचि लेने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकेगा।