-कृष्ण बलदेव हाडा –
Lok Sabha Election 2024: पूर्व नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अब की बार चार सौ पार के दावे को खारिज करते हुए कहा कि जनता भाजपा को इस बार तड़ीपार करेगी।
प्रहलाद गुंजल के समर्थन में शनिवार को एक संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शांति धारीवाल ने भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वे पिछले दस सालों में कोटा के सांसद के रूप में और पिछले पांच साल में लोकसभा अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन रहते हुए क्षेत्र में काम के रूप में अपनी उपलब्धि तक बता पाने में विफल साबित हुए हैं बल्कि जनता के बीच शर्मसार होने से बचने के लिए कांग्रेस के कार्यकाल में हुए विकास कार्यो और योजनाओं को अपनी उपलब्धि के रूप में गिनाने की कोशिश कर रहे हैं।
धारीवाल ने उदाहरण देते हुए बताया कि बिरला कह रहे हैं कि नोनेरा बांध व बूंदी में मेडिकल कॉलेज उन्होंने बनवाया है, जबकि यह कांग्रेस के सरकार में बनना शुरू हुए हैं। यह भी उन्होंने अपने खाते में लिख लिया है कि नोनेरा बांध से गांव में पानी जरूर जाएगा। बिरला दावा करते हैं कि सात तालाबों का जीर्णोद्धार करवाया है, लेकिन एक भी तालाब का करवाया हो तो उसका नाम बताओ। ट्रिपल आईटी की घोषणा कांग्रेस के शासन में हुई, लेकिन बिरला इसे अपनी उपलब्धि बता रहे है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई, तब ट्रिपल आईटी मजबूत हुई थी।
धारीवाल ने कहा कि बिरला तो यह बताएं कि केंद्र सरकार के जरिए उन्होंने क्या-क्या काम करवाया है जबकि वे पांच साल शीर्ष लोकतान्त्रिक संस्था लोकसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं। जयपुर, बीकानेर, उदयपुर व अजमेर में कई केंद्रीय संस्थाएं हैं, लेकिन कोटा में कुछ नहीं है। एक भी केंद्र सरकार के द्वारा किया गया ऑफिस व संस्थान यहां नहीं है। कांग्रेस के राज में हमने आई आई एम के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
धारीवाल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि अच्छी मेहनत की तो कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में इस तरह के समीकरण बन रहा है कि निश्चित तौर पर कांग्रेस के प्रत्याशी की जीत हो रही है।भाजपा को हारने से कोई रोकने वाला नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कोटा की राजनीति में हाडोती के सबसे अधिक प्रभावशाली नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल और कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल एक-दूसरे के एक-दूसरे के कट्टर विरोधी रहे हैं। यहां तक कि कोटा (उत्तर) की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट पर अब तक एक-दूसरे के खिलाफ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव तक लड़ चुके हैं जिसमें से एक बार बाजी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में प्रहलाद गुंजल के हाथ रही, लेकिन पिछले दो चुनावों में लगातार शांति धारीवाल ने जीत दर्ज की।
राज्य के नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री के रूप में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान उन्होंने राजस्थान के तीसरे सबसे बड़े शहर कोटा में विकास के नये आयाम स्थापित कर अपने सभी विरोधियों को हतप्रभ कर दिया था, लेकिन जब इस लोकसभा चुनाव में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रहलाद गुंजल को कोटा-बूंदी संसदीय सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया तो उन्होंने इसे पार्टी का आदेश मानते हुए ग्राह्य कर लिया और बीते दिनों जयपुर में अपनी व्यस्तता के बाद अब पूरी ताकत से कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में न केवल प्रचार कर रहे हैं बल्कि पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार कर रहे हैं।
शांति धारीवाल ने तो कार्यकर्ताओं को यह भी संदेश दिया हुआ है कि जब वे प्रहलाद गुंजल के खिलाफ तीन बार चुनाव लड़ने के बाद जब कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उनको सहज स्वीकार कर रहे हैं तो पार्टी के अन्य कार्यकर्ता क्यों नहीं कर सकते? इसके अलावा शनिवार को कोटा में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में शांति धारीवाल का दिया यह संदेश काफ़ी महत्वपूर्ण है कि यदि इस बार कांग्रेस कार्यकर्ता अच्छी मेहनत कर ले तो कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में इस तरह के समीकरण बन रहा है कि निश्चित तौर पर कांग्रेस के प्रत्याशी की जीत हो रही है।
भाजपा को हारने से कोई रोकने वाला नहीं है, क्योंकि पूरे संसदीय क्षेत्र का माहौल बदला हुआ है। जनता भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी से उनके काम का हिसाब मांग रही है लेकिन भाजपा प्रत्याशी के पास देने को कुछ खास है नहीं।