जयपुर। Right To Health Bill: राजस्थान में आरटीएच बिल का विरोध कर रहे हड़ताली डाक्टरों की राज्य सरकार के साथ वार्ता विफल हो गई है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई थी चिकित्सकों के साथ बैठक। बैठक करीब 20 मिनट तक चली। बैठक में प्रतिनिधि नो आरटीएच बिल के मुद्दे पर अड़े रहे।
हालांकि, बैठक के बाद प्रतिनिधि अधिकृत बयान देने से भी बचते नजर आए। सभी ने एक स्वर में कहा कि जीबीएम के बाद में लिया जाएगा आगामी फैसला। माना जा रहा है कि गहलोत सरकार अब हड़ताली डाॅक्टरों पर ऐक्शन ले सकती है।
जिला कलेक्टरों और एसडीएम से अपने-अपने इलाके के निजी अस्पतालों की जानकारी खंगाली जा रही है। सरकार के साथ वार्ता विफल होने पर डाॅक्टर प्रतिनिधिमंडल ने प्रेस वार्ता की। डाॅक्टर अशोक शारदा ने कहा- राइट टू हेल्थ बिल वापस लिया जाए। हम नहीं चाहते हैं राइट टू हेल्थ बिल। सरकार बिल में कमियां और खामियों को लेकर पूछती रही है। बिल को लेकर समाज में भ्रम फैलाया जा रहा है। पहले बिल वापस लिया जाए। फिर खामियां बताएंगे।
राज्य सरकार लगातार डाॅक्टरों को मनाने का प्रयास कर रही है। लेकिन डाॅक्टर अपनी मांग पर अड़े हुए है। डाॅक्टरों का कहना है कि नो बिल। इससे कम हम झुकने के लिए तैयार नहीं है। चिकित्सकों के नेता आरटीएच बिल को वापस लेने का सरकार पर दबाव बना रहे हैं। हालांकि, मुख्य सचिव ने साफ कह दिया है कि बिल वापस नहीं होगा। माना जा रहा है कि गहलोत सरकार अब हड़ताली डाॅक्टरों पर ऐक्शन ले सकती है।
इससे पहले सीएम गहलोत शनिवार को दिल्ली दौरा बीच में ही छोड़कर डाॅक्टरों से वार्ता के लिए जयपुर आ गए थे। सीएम गहलोत ने मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को वार्ता करने के निर्देश दिए। डाॅक्टरों के साथ शनिवार को ही रात 10 बजे सचिवालय में वार्ता होनी थी। लेकिन रात ज्यादा होने की वजह से वार्ता नहीं हो पाई। मुख्य सचिव ऊषा शर्मा रविवार के दिन सचिवालय पहुंची और वार्ता की। मुख्य सचिव ने डाॅक्टरों के प्रतिनिधिमंडल को सीएम गहलोत के मानवीय दृष्टिकोण से अवगत कराया। लेकिन हड़ताली डाॅक्टर झुकने लिए तैयार नहीं हुए।
मरीजों की जान पर बन आई: उल्लेखनीय है कि राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के कारण मरीजों की जान पर बन आई है। रेजिडेंट्स की हड़ताल ने भी परेशानी में इजाफा कर दिया है। आज भी जयपुर सहित उदयपुर, कोटा, अजमेर, जोधपुर में प्राइवेट डॉक्टरों के साथ हड़ताली रेजिडेंट्स ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। काम नहीं होने के कारण इन जिलों के हॉस्पिटल्स मेंऑपरेशंस को टालना पड़ा है। जयपुर में हड़ताली डॉक्टरों ने सड़क जाम करने का प्रयास किया और राहगीरों के साथ धक्का-मुक्की भी की। दर-दर भटक रहे मरीजों से बेपरवाह इन डॉक्टरों के खिलाफ अब सख्त एक्शन लेने की तैयारी है। शुरुआत जोधपुर से हो सकती है। यहां मेडिकल कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट ने ऐसे रेजिडेंट्स को बर्खास्त करने की चेतावनी दी है।
सरकार ऐक्शन के मोड़ पर: सवाई मानसिंह सहित सभी मेडिकल कॉलेजों वाले हॉस्पिटल्स में दिनोंदिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है। गुरुवार को सार्वजनिक छुट्टी ने इस परेशानी को बढ़ा दिया। मरीजों का कहना था कि दो घंटे से चक्कर काट रहे हैं। अब मेडिकल कॉलेज मैनेजमेंट अपने स्तर पर कड़े निर्णय ले रहा है। जोधपुर में गुरुवार को हुई मीटिंग में मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. दिलीप कच्छावा ने रेजिडेंट डॉक्टर्स को टर्मिनेट करने की चेतावनी दी है। मीटिंग में उन्होंने साफ कहा कि यदि आज शाम तक ये काम पर नहीं लौटते हैं तो इन्हें टर्मिनेट किया जाए।