इंदौर। सरसों की कीमतों में लगातार गिरावट का असर सोयाबीन की कीमतों पर भी पड़ रहा है। नई सरसों की आवक के बाद सोयाबीन की कीमतों में नरमी देखी जा रही है। जानकारों के मुताबिक आगे सोयाबीन की कीमतों में और गिरावट आ सकती है।
ओरिगो कमोडिटीज में सीनियर मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) इंद्रजीत पॉल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि करीब 20 दिन पहले से सरसों की नई आवक आना शुरू हो गई थी। रिकॉर्ड उत्पादन के कारण सरसों के दाम लगातार गिरकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के करीब आ गए हैं। सरसों का एमएसपी 5,450 रुपये प्रति क्विंटल है।
सरसों की कीमतों में भारी गिरावट का असर सोयाबीन की कीमतों में सुस्ती के रूप में दिख रहा है। सरसों की नई आवक के समय इंदौर मंडी में सोयाबीन के दाम 5,700 रुपये क्विंटल थे, जो गिरकर 5,500 रुपये क्विंटल रह गए हैं।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट व जिंस विशेषज्ञ अनुज गुप्ता कहते हैं कि सरसों की कीमतों में तेज गिरावट से सोयाबीन में भी मंदी का माहौल बन ही रहा है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल सस्ते होने से भी सोयाबीन के दाम घटने को बल मिला है। घरेलू बाजार में बड़ी मात्रा में खाद्य तेलों का आयात होने से भी सोयाबीन सस्ता हुआ है। सोयाबीन का एमएसपी 4300 रुपये प्रति क्विंटल है।
5,200 रुपये तक गिर सकते हैं सोयाबीन के भाव
गुप्ता कहते हैं कि फिलहाल सोयाबीन के भाव सुधरने की संभावना नहीं दिख रही है, बल्कि सोयाबीन के भाव एक बार गिरकर 5,200 रुपये क्विंटल तक जा सकते हैं। पॉल ने कहा कि इस माह और अगले महीने सरसों की आवक का दबाव रहने वाला है। जिससे सरसों के दाम नरम रहेंगे।
इसका असर सोयाबीन की कीमतों पर भी दिखेगा। छोटी अवधि में सरसों के दाम घटकर 5,300 रुपये क्विंटल तक जा सकते हैं। सरसों की आवक का दबाव खत्म होने के बाद ही सोयाबीन की कीमतों में तेजी की संभावना है।