जून तक सोना 31 हजार पार होने की संभावना

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    कोटा। सीरिया अफगानिस्तान में आईएसआईएस के ठिकानों पर अमेरिकी हमले तथा उत्तर कोरिया को लेकर उपजे ग्लोबल तनाव की वजह से घरेलू बाजार में सोना फिर तीस हजार रुपए प्रति दस ग्राम के पार होने की संभावना है। जानकारों का कहना है कि जून तक सोने का स्तर 31 हजार रुपए का बन जाए तो भी हैरानी नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि पिछले एक महीने के दौरान सोना 1,500 रुपए प्रति दस ग्राम महंगा हो चुका है, जबकि पिछले एक साल में सोने के भाव  करीब 2,400 रुपए प्रति दस ग्राम बढ़े हैं। 
    ग्लोबल तनाव की वजह से सोने की कीमतों में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। इसके चलते घरेलू बाजार में सोना पांच सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। अभी जयपुर सर्राफा बाजार में सोना स्टैंडर्ड के भाव 29,700 तथा 22 कैरेट जेवराती सोने के भाव 28,200 रुपए प्रति दस ग्राम है। सोने की कीमतें और बढ़ेंगी और जून के अंत तक सोना एक साल बाद फिर 31 हजार के स्तर को पार कर सकता है। कमोडिटी विशेषज्ञ भी पूरे साल के नजरिए से सोने में निवेश को सुरक्षित मान रहे हैं।
    विशेषज्ञों का कहना है कि हाल ही जिस तरह की भौगोलिक तनाव की स्थिति बनी है, उससे सोने को सपोर्ट मिला है। अनिश्चितता की वजह से ग्लोबल बाजार में सोना 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। वहीं, ग्लोबल बाजार में सोने में आई तेजी से भारत में हाजिर बाजार में सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिली है। ग्लोबल बाजार में सोने की कीमतें 1286 डॉलर प्रति औंस और घरेलू बाजार में सोना 29,850 प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। ऐसे में अमेरिका की ओर से अफगानिस्तान पर सबसे बड़ा गैर-परमाणु बम हमले से अगले सप्ताह ग्लोबल बाजार में सोने के भाव बढ़ने की संभावना है।
    यह रहेंगे दाम बढ़ने के कारण
    • भौगोलिक तनावकी वजह से ग्लोबल बाजार में अनिश्चितता की स्थिति से सुरक्षित निवेश को लेकर सोने में लोगों का रुझान बढ़ा।
    • अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ने से घरेलू बाजार में हाजिर में मांग बढ़ेगी।
    • अमेरिकी सेंट्रल बैंक फैडरल रिजर्व की ओर से इस साल ब्याज दर एक बार से ज्यादा बढ़ाए जाने की उम्मीद कम है। इससे सोने को सपोर्ट मिला।
    • सोने में निवेश मांग में सुधार हुआ है। डेटा देखने से साफ लगता है कि ईटीएफ में होल्डिंग बढ़ी है।
    • निवेशकों कीधारणा में बदलाव आया है। अक्षय तृतीया नजदीक है, लोग सोने में खरीददारी करेंगे।
    • वहीं,अगर लोअर स्लैब में रखा गया तो जीएसटी से भी सोने को सपोर्ट मिलने की संभावना है।