ओमीक्रोन खतरनाक नहीं, इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार, एक्सपर्ट की राय

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नई दिल्ली। एम्स के रिसर्चर डॉ संजय राय (Dr Sanjay Rai) का कहना है कि ओमीक्रोन अभिशाप नहीं, वरदान साबित हो सकता है। यह वेरिएंट लोगों में नेचुरल साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि जिन्हें एक बार कोरोना हो गया है और वो ठीक हो गए हैं, वो सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं। उन्हें वैक्सीन वालों की तुलना में ज्यादा प्रोटेक्शन है।

डॉक्टर राय ने यह भी कहा कि हमें ओमीक्रोन को लेकर बहुत ज्यादा टेस्ट करने में संसाधन बर्बाद नहीं करने चाहिए। इसका इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में हो तो ज्यादा बेहतर है। उन्होंने कहा कि हम एंडेमिक (Endemic Stage) की तरफ जा रहे हैं। हमें वैज्ञानिक आधार पर ही बात करनी चाहिए। साक्ष्य कहता है कि कई बार जब वायरस बहुत ज्यादा म्यूटेड होता है तो कमजोर भी होता है।

वायरस म्यूटेट होता है तो कमजोर भी होता है
एम्स में कोवैक्सीन (Covaxin) के ट्रायल को लीड करने वाले कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ संजय राय ने कहा कि हमें वैज्ञानिक आधार पर ही बात करनी चाहिए। साक्ष्य कहता है कि कई बार जब वायरस बहुत ज्यादा म्यूटेड होता है तो कमजोर भी होता है। ओमीक्रोन में ऐसा ही दिख रहा है कि यह बहुत ज्यादा संक्रमण कर रहा है, वैक्सीन की इम्युनिटी को क्रॉस कर ब्रेकथ्रू इंफेक्शन (Breakthrough Infection) कर रहा है। कोविड से ठीक हुए लोगों में रीइंफेक्शन कर रहा है। कुछ लोग, जिन्होंने तीसरी डोज यानी बूस्टर ले रखी है, उनकी इम्युनिटी को भेद रहा है।

यह माइल्ड असर कर रहा है। इतना माइल्ड की अधिकतर में लक्षण ही नहीं आ रहे हैं। जिनमें लक्षण आ रहे हैं, वो दो से तीन दिन में ठीक हो रहे हैं। इसलिए जिस ओमीक्रोन वेरिएंट से हम डर रहे हैं, हो सकता है कि यह हमारे लिए अभिशाप की जगह वरदान बन जाए। ठीक वैसे ही जैसे पोलियो और मिजलस की वैक्सीन काम करती है

अभिशाप की जगह वरदान
उन्होंने कहा कि तेजी से फैल रहा है और इम्युनिटी भेद रहा है, लेकिन यह माइल्ड असर कर रहा है। इतना माइल्ड की अधिकतर में लक्षण ही नहीं आ रहे हैं। जिनमें लक्षण आ रहे हैं, वो दो से तीन दिन में ठीक हो रहे हैं। इसलिए जिस ओमीक्रोन वेरिएंट से हम डर रहे हैं, हो सकता है कि यह हमारे लिए अभिशाप की जगह वरदान बन जाए। ठीक वैसे ही जैसे पोलियो और मिजलस की वैक्सीन काम करती है, इन दोनों वैक्सीन बनाने में लाइव वायरस को कमजोर करके बनाया जाता है, जो शरीर में जाकर एंटीबॉडी बनाता है। जब शरीर में पोलियो या मिजलस आता है तो उसके खिलाफ एक्टिव होकर उसे रोकता है। ठीक इसी प्रकार यह ओमिक्रॉन वेरिएंट जिन्हें संक्रमित कर रहा है, उन्हें बीमार नहीं कर रहा है, उनमें एक तरह से कोरोना के खिलाफ नेचुरल इम्युनिटी पैदा कर रहा है। अभी तक की रिपोर्ट के आधार पर यही देखा जा रहा है, इसलिए मेरा अनुमान है कि यह हमारे लिए वरदान साबित हो सकता है।