नई दिल्ली। देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम अफसरों के साथ हाई लेवल रिव्यू मीटिंग की। बैठक में हेल्थ मिनिस्ट्री समेत कई विभागों के अफसर शामिल हुए।
मीटिंग में ओमिक्रॉन के बढ़ते केस को रोकने के लिए प्रधानमंत्री का मेन फोकस 3 बातों पर रहा। पीएम ने बैठक में अब तक के हालात की जानकारी ली साथ ही सरकार की तैयारियों को भी समझा। इसके बाद अफसरों को दवाई और ऑक्सीजन के स्टॉक बढ़ाने के निर्देश दिए। साथ ही टेस्टिंग और ट्रेसिंग बढ़ाने के साथ हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने पर जोर दिया।
पीएम ने रिमोट एरिया में वैक्सीन और दवा की सप्लाई के लिए IT टूल्स का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने को कहा। मोदी ने अफसरों से कहा कि राज्यों के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि ऑक्सीजन सप्लाई इक्यूपमेंट्स पूरी तरह काम कर रहे हों। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
राज्यों को हर संभव मदद के दिए निर्देश
पीएम ने देशभर में वैक्सीनेशन को बढ़ाने की ओर भी तेजी से काम करने को कहा। मोदी ने अफसरों को उन जिलों की पहचान करने के निर्देश दिए जहां वैक्सीनेशन की स्थिति अभी ठीक नहीं है। उन्होंने अफसरों से कहा कि वे राज्य से वैक्सीनेशन में आने वाली परेशानियों को लेकर बातचीत करें और उसे जल्द से जल्द ठीक कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट करने पर फोकस करें। पीएम ने अफसरों को सतर्क और सावधान रहने के साथ ही राज्यों को हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए।
बैठक में कैबिनेट सचिव, डॉ. वी.के. पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग, एके भल्ला, गृह सचिव, राजेश भूषण, सचिव (MoHFW), सचिव (फार्मास्युटिकल), डॉ राजेश गोखले, सचिव (जैव प्रौद्योगिकी), डॉ. बलराम भार्गव, डीजी आईसीएमआर; वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव (आयुष); दुर्गा शंकर मिश्रा, सचिव (शहरी विकास); आर.एस. शर्मा सीईओ एनएचए; प्रो. के. विजय राघवन (भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार) अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शामिल हुए।