राजस्थान में सीधी भर्ती के लिए अब कार्मिक विभाग की अनुमति जरूरी नहीं

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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बेरोजगारों के हित में दो बड़े महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। पहला महत्वपूर्ण फैसला यह है कि अब सभी विभागों में रिक्त और नवसृजित पदों पर नियमित भर्तियां होंगी। सीधी भर्ती के लिए अब कार्मिक विभाग की अनुमति का इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा। कार्मिक विभाग की बिना सहमती के भी सीधी भर्तियां हो सकेंगी। दूसरा महत्वपूर्ण फैसला है कमेटी गठन का। यह कमेटी विभिन्न भर्तियों से जुड़े विवादों का निपटारा करेगी। दरअसल, विभिन्न भर्तियों में शैक्षणित योग्यता संबंधी विवादों के कारण भर्तियां अटक जाती हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। कई बार कार्मिक विभाग की अनुमति के इंतजार में काफी समय लग जाता है। अब हर साल 1 अप्रेल से 15 अप्रेल तक सभी विभागों के प्रमुख अपने अपने विभागों के रिक्त पदों और नवसृजित पदों की गणना करेंगे। 15 मई से पहले यह तय करना होगा कि किन किन पदों पर सीधी भर्ती करनी है। इसके लिए विभाग के अधिकारियों को कार्यशाला का आयोजन करना होगा। 31 मई तक राजस्थान लोक सेवा आयोग या राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को रिक्त पदों और नवसृजित पदों की भर्तियों के बारे में सूचना भेजनी होगी।

तय समय पर पूरी होगी भर्तियां
बेरोजगार लम्बे समय से यह मांग कर रहे थे कि सरकार विभिन्न भर्तियों के लिए कलेंडर जारी करे। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान लोक सेवा आयोग और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को निर्देशित किया है कि हर साल आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड आगामी वर्ष का भर्ती कलेंडर जारी करेंगे। रिक्त पदों और नवसृजित पदों की सूचनाएं मिलने के बाद 15 जुलाई से पहले आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड को सूचनाओं का परीक्षण करना जरूरी होगा। 31 अगस्त से पहले परीक्षण का कार्य पूरा करना होगा। आवेदन करने की प्रक्रिया एकबारगी ही रहेगी अर्थात बार बार आवेदन की तिथि आगे नहीं बढाई जाएगी। साथ ही एक बार भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद अगर सेवा नियमों में संसोधन भी होता है कि वे संसोधित नियम प्रक्रियाधीन भर्ती पर लाग नहीं होंगे।

जॉइनिंग की समय सीमा भी तय
भर्ती एजेंसी द्वारा अंतिम परिणाम जारी किए जाने के बाद 45 दिनों में दस्तावेजों की जांच करनी होगी। अगर पदों की संख्या ज्यादा है तो दस्तावेजों के सत्यापन का समय 15 दिन बढाया जा सकेगा। भर्ती एजेंसियों की यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभागों को एक महीने में पदस्थापन आदेश जारी करने होंगे। पदस्थापन आदेशों के 3 सप्ताह के भीतर चयनित अभ्यर्थी को कार्यभार ग्रहण करना होगा।

समकक्ष शैक्षणिक योग्यता के लिए विशेष कमेटी का गठन
अमूमन सभी विभागों की भर्तियों के लिए तय शैक्षणिक योग्यता के साथ अथवा में समकक्ष डिग्री या डिप्लोमा को भी योग्यताधारी माना जाता है। ऐसे में कई प्रकार के विवाद हो जाते हैं और भर्ती प्रक्रिया न्यायालय में अटक जाती है। इस परेशानी को दूर करने के लिए विशेष कमेटी का गठन किया जाएगा। यह कमेटी पहले ही शैक्षणिक योग्यता पर पूरा अध्ययन करके समस्या का निस्तारण कर सके।