40 लाख रुपये की छात्रवृत्ति हड़पने के मामले में कांग्रेस नेता गिरफ्तार

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कोटा। करीब डेढ़ दशक पहले कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट के नाम पर हुए गबन के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने फरार चल रहे आरोपी महावीर नगर निवासी चन्द्रप्रकाश मीणा को बुधवार को कोटा से गिरफ्तार कर लिया। उसे अजमेर एसीबी न्यायालय में पेश किया गया। आरोपी अभी देहात कांग्रेस कमेटी में संगठन महासचिव है। उनकी पत्नी सरोज मीणा अभी कोटा देहात कांग्रेस की जिलाध्यक्ष हैं।

कोटा एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चन्द्रशील ने बताया कि चन्द्रप्रकाश मीणा ने 2004-05 में देवली में कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट खोला था और इंस्टीट्यूट का निदेशक था। उसके इंस्टीट्यूट में करीब 300 विद्यार्थी थे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से कम्प्यूटर कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी गई थी।

आरोपी निदेशक चन्द्रप्रकाश ने उक्त विद्यार्थियों की करीब 40 लाख रुपए की छात्रवृत्ति नहीं बांटी और खुद हजम कर गया। इसकी शिकायत की गई तो मामला जांच के बाद दर्ज किया गया। विद्यार्थियों की ओर से लगातार शिकायतों के बाद 2011 में एसीबी ने अपने स्तर पर ही आरोपी निदेशक चन्द्रप्रकाश के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। आरोपी तब से फरार चल रहा था। बुधवार को टोंक एसीबी ने उसे गिरफ्तार किया।

आरोपियों को जेल भेजा
टोंक एसीबी की जांच में तत्कालीन सहायक निदेशक मुरारीलाल और चन्द्रप्रकाश की मिलीभगत सामने आई थी। ऐसे में विभाग ने तब मुरारीलाल को निलम्बित कर दिया था। मुरारीलाल फिलहाल भरतपुर मुख्यालय पर नियुक्त है। टोंक एसीबी के एएसआई वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों को अजमेर एसीबी कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।

राजनीतिक षडयंत्र
यह पुराना मामला है। किसी के साथ देवली में राशि का निवेश किया था। पार्टनर पर विश्वास नहीं होने पर कुछ दिनों बाद फर्म से खुद अलग कर लिया था। पहले कुछ दस्तावेज और खाली चेक पर इनके हस्ताक्षर थे, उनका दुरुपयोग करके उन्हें राजनीतिक षडयंत्र का शिकार बनाया है। वे निर्दोष हैं, इसके साक्ष्य समय आने पर पेश करेंगे।
सरोज मीणा, जिलाध्यक्ष, देहात कांग्रेस कोटा