Monday, May 6, 2024
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गोवा में माल्या के किंगफिशर विला का नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू

नई दिल्ली । नॉर्थ गोवा की शानदार लोकेशन पर बने शराब कारोबारी विजय माल्या के किंगफिशर विला का नाम बदलने के लिए प्रक्रिया चल रही है। ये गोवा के कैडोलिम बीच के पास स्थित है। इसे हाल ही में उद्योगपति और अभिनेता सचिन जोशी ने खरीदा है।इस विला के नए मालिक सचिन जोशी विकिंग वेंचर प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर भी हैं।

उन्होंने बताया कि विला का नाम बदलना जाहिर तौर पर जरूरी है। हालांकि, उन्होंने इस बात के संकेत अभी नहीं दिए कि इसके लिए किसी एक नाम पर अभी सहमति बनी है या नहीं। जोशी ने बताया, “जाहिर तौर पर यह होना चाहिए, लेकिन फिलहाल ऐसा कोई विचार नहीं है। मैंने इसके लिए ऐसा कोई नाम अभी तक सोचा नहीं है।

  जब किंगफिशर विला का मालिकाना हक विजय माल्या के पास था, तो इसमें कई आलीशान पार्टियों का आयोजन किया जाता था।  विजय माल्या पर भारत के कई बैंकों का तकरीबन 9000 करोड़ रुपए बकाया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में 17 बैंकों के कंसोर्टियम की ओर से आयोजित नीलामी प्रक्रिया के तहत सचिन जोशी ने यह विला 73 करोड़ रुपए में खरीदी थी।

गौरतलब है कि विजय माल्या बीते साल ही भारत छोड़ चुके हैं और वो फिलहाल लंदन में रह रहे हैं।भारतीय बैंकों का कंसोर्टियम भारत में मौजूद उनकी परिसपंत्तियों की बिक्री कर अपना बकाया वसूलने की कोशिश में लगा हुआ है।

जियो अकाउंट्स बंद करना शुरू , ऐसे ले सकते हैं लाभ

नई दिल्ली। रिलायंस जियो ने हाल ही में उन यूजर्स के लिए एक नई पेशकश की घोषणा की थी, जो समर सरप्राइज ऑफर से नहीं जुड़ पाए थे। इसे जियो धन धना धन ऑफर नाम दिया गया था। यह योजना मूल रूप से पिछले समर सरप्राइज ऑफर की तरह ही थी, जिसके तहत प्रति दिन एक जीबी डाटा यूज मिलता है। इसके लिए यूजर को 309 रुपए के साथ ही 99 रुपए का जियो प्राइम का सब्सक्रिप्शन लेना होता है।

रिलायंस जियो ने घोषणा करते हुए कहा था कि यूजर को जियो प्राइम मेंबरशिप से जुड़ना होगा और उन्हें 309 या 509 रुपए का रीचार्ज 15 अप्रैल तक कराना होगा, ताकि वे सुविधाओं का लाभ ले सकें या सर्विस बंद होने से बच सकें।मगर, इस बीच कई ऐसे यूजर्स हैं, जिन्होंने अभी तक सदस्यता नहीं ली है, लेकिन उनकी सेवाएं अभी भी सक्रिय हैं।

हालांकि, ऐसे अकाउंट को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और अब प्राइम मेंबरशिप नहीं लेने वाले यूजर प्रभावित होने लगेंगे।ऐसे में अब रिलायंस जियो यूजर्स, जिन्होंने अभी तक रिचार्ज नहीं किया है, वे अभी भी जियो प्राइम के साथ धन धना धन ऑफर को ले सकते हैं। यानी यदि आपका जियो अकाउंट बंद हो गया है, तो आप जियो स्टोर पर जाएं या जियो वेबसाइट या माय जियो ऐप में जाएं। 84 दिन में डाटा यूज के लिए आपको 408 रुपए (प्राइम मेंबरशिप के लिए 99 रुपए और ऑफर के लिए 309 रुपए) का भुगतान करें।

इससे पहले रिलायंस जियो ने कहा था कि प्राइम मेंबरशिप को लेने की लास्ट डेट 31 मार्च थी। मगर, बाद में समर सरप्राइज ऑफर के साथ इसे बढ़ाकर 15 अप्रैल कर दिया गया था। मगर, अब लग रहा है कि रिलायंस जियो निकट भविष्य में जियो प्राइम और धन धना धन ऑफर को जारी रखने जा रहा है। 

 बासमती: ईरान के आयातकों की नए सौदों पर करेंसी सब्सिडी नहीं देने की मांग

कोटा । भारतीय बासमती चावल के बड़े खरीदार ईरान की चावल इंपोर्टर एसोसिएशन ने मांग की है कि जबतक पुराने सौदे क्लीयर नहीं होते हैं तबतक नए आयात सौदे पर आयात के लिए सत्ता सिफारिश यानि करेंसी एक्सचेंज पर दिया जाने वाली छूट न दी जाए।

पंजाब बासमती राइस मिलर्स एसोसिएशन यानि PMRBA के सचिव आशीष कथूरिया ने लेन -देन न्यूज़ को बताया कि ईरान के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि चावल आयातकों ने अबतक करीब 8.40 लाख टन चावल आयात करने के लिए छूट हासिल की है लेकिन 15 अप्रैल तक इस स्कीम के तहत 2-2.25 लाख टन चावल ही ईरान पहुंच सका है।

ऐसे में इटका, जीटीसी, मोहसिन एंड कंपनी, आवाजे, जैबुल जैसे बड़े चावल आयातकों ने मांग की है कि जबतक पुराने सौदों के मुताबिक चावल ईरान के पोर्ट्स पर नहीं आ जाता तबतक नया सौदा नहीं किया जाए। इसके साथ आयातकों ने सरकार से चावल आयात के लिए लगाए गए 895 डॉलर के सीलिंग प्राइस सहित आयात शुल्क को भी रीव्यू करने की मांग की है।

आशीष के मुताबिक ईरान 15 जुलाई के बाद आयात पर फिर से रोक लगा सकता है, ऐसे में 15 जुलाई से पहले वह जल्दी से जल्दी अपनी जरूरत के मुताबिक स्टॉक भरना चाहता है, इसलिए आयातकों पर पुराने सौदों का चावल जल्दी से ईरान पहुंचाने के लिए यह दबाव बनाया गया है। आशीष के मुताबिक इस साल भारत मे बासमती का उत्पादन कम है जिस वजह से ईरान सहित दूसरे देशों को चावल की शॉर्टेज का सामना करना पड़ रहा है।

जब चढ़ जाए शरीर की नस तो आजमाएं ये तरीके

जब शरीर के किसी अंग की नस चढ़ जाती है तो काफी तकलीफ होती है। कई बार तो ये परेशानी इतनी बढ़ जाती है कि इसके ठीक होने में काफी समय लग जाता है। ऐसे में आप कुछ घरेलू नुस्खे आजमाकर इससे निजात पा सकते हैं।

  •  नस चढ़ जाए तो प्रभावित हिस्से पर बर्फ की सिकाई करें। इससे आपको दर्द से छुटकारा मिलेगा।
     
  • कमजोरी की वजह से ये समस्या सामने आती है। इसके लिए फलों में मौसमी, अनार, सेब, पपीता, केला आदि शामिल करें और सब्जियों में पालक, टमाटर, सलाद, आलू, गाजर का सेवन करने से आराम मिलेगा। साथ ही ड्राई-फ्रूट्स भी इस तकलीफ में फायदा करते हैं।
  •  नस चढ़ने के बाद उस जगह कई बार दर्द की भी शिकायत रहती है। इससे निजात पाने के लिए कच्चा नमक चाट लें।
     
  • कई लोगों की सोते समय नस चढ़ जाती है जिससे वो काफी परेशान रहते हैं। अगर आपको भी ये शिकायत रहती है तो पैरों के नीचे तकिया रखकर सोने की आदत डालें।
  • अगर बाएं पैर की नस चढ़ जाए को दाएं हाथ की अंगुली से अपने कान के निचले जोड़ को दबाएं। इससे आपको आराम मिलेगा। हालांकि ये नुस्खा कहां तक कारगर है इसका पता तो इसे आजमाने के बाद ही लगेगा।

16000 करोड़ के शेयर बायबैक को टीसीएस के शेयरधारकों की मंजूरी

नई दिल्ली। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के शेयरधारकों ने 16,000 करोड़ रुपए के शेयर बायबैक की योजना को मंजूरी दे दी है। यह भारतीय पूंजी बाजार में सबसे बड़ा बायबैक है। दिग्गज आईटी कंपनी ने बही-खातों में अतिरिक्त नकदी को शेयरधारकों के साथ बांटने के मकसद से यह फैसला किया है।

पुनर्खरीद के प्रस्ताव के पक्ष में 99.81 फीसद शेयरधारकों ने वोट किया। फरवरी में टीसीएस के बोर्ड ने 16 हजार करोड़ के बायबैक को मंजूरी दी थी। इसके तहत कंपनी 2.85 फीसद यानी कुल 5.61 करोड़ शेयर खरीदेगी। देश में इतना बड़ा शेयर बायबैक कभी नहीं हुआ है। इससे पहले 2012 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 10,400 करोड़ रुपये के शेयरों की पुनर्खरीद की थी।

क्यों होता है बायबैक

शेयर बायबैक अमूमन प्रति शेयर कमाई में सुधार करता है। इससे शेयरधारकों के वास्तविक रिटर्न में बढ़ोतरी होती है। सुस्त बाजार की स्थिति के दौरान इससे शेयर की कीमत को समर्थन मिलता है।जब कंपनी मुनाफे का बड़ा हिस्सा नकद में रखती है तो शेयरधारकों की पूंजी पर वास्तविक रिटर्न घटता है। माना जाता है कि कंपनी के पास कैश के रूप में रखा पैसा भी शेयरधारकों का ही है। जब यह लौटाया जाता है तो रिटर्न बेहतर हो जाता है।

क्या है टीसीएस की स्थिति

आइटी कंपनियों पर लाभांश और बायबैक के जरिये अतिरिक्त नकदी को शेयरधारकों को लौटाने का दबाव है। टीसीएस देश की सबसे बड़ी आइटी कंपनी है। इसके पास 43,169 करोड़ रुपये सरप्लस कैश के रूप में हैं। यह कंपनी के बाजार पूंजीकरण का करीब 10 फीसद है।

कई कंपनियां कर चुकीं एलान

बीते हफ्ते इंफोसिस ने लाभांश और बायबैक के जरिये चालू वित्त वर्ष में 13,000 करोड़ रुपये की पुनर्खरीद योजना का एलान किया था। इस साल के शुरू में कंग्निजेंट ने भी 3.4 अरब डॉलर के शेयर बायबैक की घोषणा की थी। एचसीएल टेक्नोलॉजीज भी 3,500 करोड़ रुपये मूल्य के 3.5 करोड़ शेयरों के बायबैक को मंजूरी दे चुकी है।

 

7 कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर 34 हजार करोड़ जुटाएगी सरकार

ई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की 7 कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया तेज हो गई है। सरकार ने इसके लिए मर्चेंट बैंकरों से बोलियां आमंत्रित की हैं। इसके जरिए सरकार तकरीबन 34 हजार करोड़ रुपए जुटाना चाहती है।

इंडियन ऑयल यानी आरईसी, एनटीपीसी, पीएफसी, एनएचपीसी में कुछ सरकारी हिस्सेदारी बेची जाएगी।सरकार आईओसी, सेल और एनएलसी में भी थोड़ी-थोड़ी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। इन कंपनियों में ऑफर फॉर सेल के जरिए हिस्सेदारी बेची जाएगी।
फिलहाल इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में सरकार की 57.34 फीसदी, पीएफसी में 67.80 फीसदी, सेल में 75 फीसदी, आरईसी में 60.60 फीसदी और एनएलसी में 89.32 फीसदी हिस्सेदारी है।

ओएफएस लाएगी सरकार

सरकार ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिए आरईसी में 5 फीसदी, एनटीपीसी में 10 फीसदी, पीएफसी में 10 फीसदी, एनएचपीसी में 10 फीसदी, सेल में 10 फीसदी, एनएलसी में 15 फीसदी और आईओसी में 3 फीसदी हिस्सा बेचने की तैयारी में है।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम पर झुका इरडा, 50 के बजाय 16 से 28 फीसदी संभव

नई दिल्ली। कार, दोपहिया वाहन और ट्रको के थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के प्रीमियम में अब 50 फीसदी के बजाय 16 से 28 फीसदी के बीच ही बढ़ोतरी होगी। बीमा नियामक ने प्रीमियम में ज्यादा बढ़ोतरी का प्रस्ताव वापस ले लिया है। नयी दरें पहली अप्रैल से प्रभावी मानी जाएंगी।
बीमा नियामक भारतीय भीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सोमवार को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के प्रीमियम की नई दरों का आदेश जारी किया है।

इसमें कहा गया है कि 28 मार्च को जारी किया गया आदेश अब लागू नहीं होगा। उस आदेश में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की प्रीमियम की दरों में 41 फीसदी तक की बढ़ोतरी का एलान किया गया था। हालांकि इससे पहले इरडा ने बीमा प्रीमियम में 50 फीसद वृद्धि का प्रस्ताव किया था। इसे लेकर काफी विवाद मचा, जिसके बाद फैसले में फेरबदल किया गया।

किसी भी वाहन के लिए सड़क पर उतरने के पहले थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर लेना अनिवार्य होता है। इस कवर के जरिये दुर्घटना की सूरत में प्रभावित व्यक्ति को बीमा कंपनियों की ओर से मुआवजा दिया जाता है। ताजा आदेश में केवल उन्हीं दरों में बदलाव किया गया है जिनके लिए 28 मार्च के आदेश में वृद्धि का प्रस्ताव किया गया था।

इरडा ने भारी वाहनों के थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के प्रीमियम की दरों में भी बदलाव किया है।
इनकी कई श्रेणियों में प्रीमियम की राशि में कमी की गई है। 40 हजार किलो ज्यादा वजन वाले वर्ग के ट्रकों का प्रीमियम 33,024 तय किया गया है। पहले इसका प्रीमियम 36,120 रुपये तय किया गया था।

  • कितना होगा प्रीमियम
  • वाहन वर्ग —-2016-17—2017-18 — बदलाव (फीसद में)
  • (निजी कार)
  • 1000 सीसी से कम —-2055 —-2055
  • 1000 सीसी से ज्यादा लेकिन
  • 1500 सीसी से कम —-2237 —-2863 —- 27.98
  • 1500 सीसी से ज्यादा —-6164 —- 7890 —- 28.00
  • (टू व्हीलर)
  • 75 सीसी तक —- 569 —- 569 –
  • 75 सीसी से ज्यादा लेकिन
  • 150 सीसी से कम —- 619 —- 720 —- 16.31
  • 150 सीसी से ज्यादा लेकिन
  • 350 सीसी से कम —- 693 —- 887 —- 27.99
  • 350 सीसी से ज्यादा —- 796 —- 1019 —- 28.01

बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर अब 5000 रुपए जुर्माना

नई दिल्ली। मोटर व्‍हीकल अमेंडमेंट बिल 2016 को लोकसभा में पारित कर दिया गया है। इस नए संशोधन के बाद बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर अब  5000 रुपए  जुर्माना लगेगा ।

माना जा रहा है कि सड़कें पहले से कहीं ज्‍यादा सुरक्षित हो जाएंगी।नए एक्‍ट में ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के रजिस्‍ट्रेशन के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है।साथ ही मोटर व्‍हीकल एक्‍सीडेंट फंड भी बनाया जा रहा है, जिससे भारत की सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं पर मुआवजा राशि दी जाएगी।

यह राशि अलग-अलग प्रकार की दुर्घटनाओं के लिए अलग-अलग रहेगी।खास बात यह है कि पहले जहां बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर 500 रुपए जुर्माना लगता था, वहीं अब यह राशि 5000 रुपए हो गई है।

नीट : अब 22 अप्रैल से मिलेंगे ऐडमिट कार्ड

नई दिल्ली। एमबीबीएस/बीडीएस में ऐडमिशन के लिए होने वाले नैशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (NEET) के ऐडमिट कार्ड अब 22 अप्रैल से मिलेंगे। 25 साल से ज्यादा उम्र के कैंडिडेट्स को एग्जाम देने की छूट की वजह से नीट के ऐडमिट कार्ड एक हफ्ते देर से मिलेंगे।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एग्जाम (सीबीएसई) ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार 25 साल से ऊपर के कैंडिडेट्स के ऐप्लिकेशन फॉर्म भी लिए जाएं, इसलिए अब ऐडमिट कार्ड 22 अप्रैल को जारी होंगे। पहले ऐडमिट कार्ड 15 अप्रैल को जारी होने थे। नीट का पेपर 7 मई को है, जिसके लिए देशभर के 104 शहरों में एग्जाम सेंटर बनाए गए हैं।

नीट ऑब्जेक्टिव टाइप टेस्ट है, जिसके जरिये मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया की मंजूरी से चल रहे देशभर के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में ऐडमिशन होता है। इस बार नीट के लिए करीब 12 लाख कैंडिडेट्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया है।

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