स्वतंत्र न्यायपालिका राष्ट्र निर्माण का अभिन्न अंग है: लोकसभा स्पीकर बिरला

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जयपुर। लोक सभा अध्यक्ष ने आज जयपुर में राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को संबोधित किया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बिरला ने कहा कि अधिवक्ता न्यायपालिका और आम आदमी के बीच की कड़ी हैं और जनता को त्वरित और सुगमता से न्याय प्रदान करने के महत्वपूर्ण माध्यम भी हैं। बिरला ने यह भी कहा कि चाहे लोगों के अधिकारों की रक्षा करना हो या राष्ट्र हित का कोई मामला हो, अधिवक्ताओं ने हमेशा अपने कर्तव्य निभाए हैं।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अधिवक्ताओं द्वारा किए गए नेतृत्व का उल्लेख करते हुए, बिरला ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के लिए अधिवक्ता समुदाय ने बहुत कुछ किया है। हैं। बिरला ने आगे कहा कि आज हमारे देश की जनता की सभी संस्थाओं से आशाएं और उम्मीदें बढ़ी हैं और इन उम्मीदों को पूरा करना आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी होनी चाहिए ।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्र न्यायपालिका राष्ट्र निर्माण का अभिन्न अंग है। हमारी न्याय व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिस पर लोगों को पूरा विश्वास हो। न्यायपालिका में लोगों के विश्वास को और अधिक बढ़ाने के लिए वर्तमान स्थिति को बदलना बहुत जरूरी है। न्याय व्यवस्था के प्रतिनिधि होने के नाते यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप ऐसी व्यवस्था के विकास के लिए कार्य करें जिसमें सभी को समय पर न्याय मिले, न्याय प्रणाली कम खर्चीली हो और निर्णय सरल भाषा में दिए जाएं। इससे समाज के सभी वर्गों विशेषकर कमजोर वर्गों का न्याय प्रक्रिया में विश्वास बढ़ेगा ।

वर्तमान स्थितियों के बारे में बात करते हुए बिरला ने कहा कि समकालीन आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हमें जनता के हित में देश की सामाजिक-आर्थिक प्रणाली को बदलने के लिए और अधिक समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ काम करना चाहिए। बिरला ने यह भी कहा कि आज की पीढ़ी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि देश को विकास के सभी मानकों पर शीर्ष पर ले जाएं और यह तभी संभव है जब सभी संस्थाएं और सभी वर्ग अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाएं।