स्तनपान नवजात को ही नहीं, स्त्रियों को भी कई बीमारियों से बचाता है

1876

कोटा। आईएमए वुमंस विंग, आईएपी तथा बीएनपी के संयुक्त तत्वावधान में श्रीजी अस्पताल में विश्व स्तनपान दिवस मनाया गया। आईएमए वुमंस विंग की अध्यक्ष डॉ अंशु सरदाना ने बताया कि कार्यशाला को संबोधित करते हुए स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अनुराधा अग्रवाल ने नवजात शिशु को स्तनपान कराने का महत्व बताते हुए कहा कि बच्चे को दिया गया मां का पहला दूध किसी अमृत से कम नहीं है।

आज से विश्व स्तनपान दिवस सप्ताह की शुरूआत हो चुकी है। विश्व स्तनपान दिवस का मकसद महिलाओं को इसके प्रति जागरूक करना है। स्तनपान सिर्फ बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए ही जरूरी नहीं बल्कि ये महिलाओं को भी कई गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस से दूर रखता है।

डॉ मीनू बिरला ने माताओं को स्तनपान में आने वाली समस्याओं को लेकर सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि बदलती जीवनशैली और कामकाज में महिलाएं इतनी व्यस्त रहती है कि उन्हें अपने बच्चे को स्तनपान करवाने का समय ही नहीं मिलता। स्तनपान संबंधी जानकारी और इसके फायदे समझाने के लिए ये सप्ताह मनाया जाता है।

यह सप्ताह केवल घरों में ही नहीं बल्कि कार्यालयों में भी इस प्रकार का माहौल बनाने पर बल देता है जिससे कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो। इस अवसर पर आईएपी हाड़ौती की अध्यक्ष डॉ. नीता जिंदल, आईएमए वुमंस विंग की सचिव डॉ. सुधा पंकज, डॉ. अर्चना मीना, डॉ. दीप्ति सुखीजा, डॉ. स्वाति नामदेव, डॉ.राजेश शर्मा, डॉ. कल्पना मखीजा, डॉ.राजश्री भाटी, डॉ. माधुरी पीरी समेत कईं लोग उपस्थित रहे।