स्टोन उद्यमियों पर करोड़ों रुपये की डिमाण्ड समाप्त करने की मांग

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कोटा। स्टोन उद्यमियों के एक प्रतिनिधि मण्डल ने मंगलवार को कलेक्टर मुक्तानन्द अग्रवाल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर हाडौती क्षेत्र में कोटा एवं सेण्ड स्टोन का परिवहन कर रहे वाहनो पर करोड़ों रुपये की डिमाण्ड राशि को 31 मार्च तक जमा कराने के आदेश को तुरन्त प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है।

कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कलेक्टर को बताया कि पिछले 8 दिनों से हाडौती का पूरा कोटा एवं सेण्ड स्टोन व्यवसाय ठप्प पड़ा है। अगर इस समस्या का शीघ्र हल नहीं किया गया तो लाखों लोग बेरोजगार हो जायेंगे। शहर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष एवं नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी ने बताया कि 200 करोड़ रुपये की डिमाण्ड राशि स्टोन परिवहन पर निकाला जाना न्यायोचित नहीं है।

सेण्ड एवं कोटा स्टोन हाडौती का प्रमुख व्यवसाय है जिसमें करीब 5 लाख लोगो को रोजगार मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि परिवहन, माईनिंग एवं स्टोन इंडस्ट्रीज एक दूसरे के पूरक हैं । अगर किसी एक पर भी कोई भार डाल दिया जाता है तो पूरा उद्योग चरमरा जाता है। वर्तमान में इस उद्योग पर भारी संकट के बादल मण्डरा रहे हैं । होली के समय समस्त माईनिंग स्टोन उद्योग परिवहन का एक साथ हडताल पर जाना चिन्ताजनक है।

इस पर कलेक्टर ने जिला परिवहन अधिकारी प्रकाश चौधरी को तुरन्त बुलवाया और प्रतिनिधि मण्डल के सामने, इस समस्या के कैसे निजात मिले इस पर गहनता से चिंतन किया गया। जिला परिवहन अधिकारी ने प्रतिनिधि मण्डल को बताया कि पूर्व में खनन परिवहन पर ओवरलोडिंग के नाम से 20-50 लाख रुपये की डिमाण्ड राशि निकाली गई है।

राज्य सरकार द्वारा माईनिंग ट्रक मालिको एवं उद्यमियों की मांग देखते हुये एमनेस्टी योजना लागू की गई, जिसके तहत राहत देते हुये प्रति ट्रक (6 चक्का) 6 हजार से 9 हजार मासिक कर दी गई है। जो एक बड़ी रियायत है, लेकिन यह रियायत 31 मार्च 2019 तक डिमाण्ड राशि जमा कराने तक ही मान्य है। उसके पश्चात वास्तिविक राशि ही जमा करानी पड़ेगी।

खादी ग्रामोद्योग संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र जैन ने कहा कि यह उद्योग छोटे-छोटे ग्रामीण क्षेत्रो में फेला हुआ है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लाखो लोगो को रोजगार भी मिलता है उन्होने मांग की ई-रवन्ना के साथ परिवहन को अलग रखा जाये । क्योंकि खनन व्यवसाय में इस तरह की पाबंदी नहीं लगाई जा सकती।