मेंस्ट्रुअल कप और बायॉडिग्रेडिबल सैनेटरी नैपकिन बनाएगी सरकार

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नई दिल्ली। भारत सरकार अब महिलाओं के लिए मेंस्ट्रुअल कप और नैपकिन बनाने की योजना पर काम करेगी। महिलाओं, लड़कियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मेंस्ट्रुअल हाइजीन स्कीम के तहत सरकार आक्सी बायोडिग्रेडेबल सैनेटरी नैपकिन और मेंस्ट्रुअल कप बनाएगी। इसके लिए सरकार की हेल्थ टीम रिसर्च कर रही है।

यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से संसद में दी है। बता दें कि नैपकिन में प्लास्टिक मिला होता है, इसलिए इसे डिकंपोज होने में 500-800 साल लगते हैं। ये नैपकिन सेहत के साथ पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह है इसलिए सरकार बायॉडिग्रेडिबल नैपकिन बनाएगी।

सरकारी विद्यालयों में सैनेटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगेंगी
समग्र शिक्षा अभियान के तहत सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में छात्राओं के लिए स्कूल परिसर में सेनेटरी नैपकिन की मशीनें लगाई जाएंगी। छात्राएं इसके जरिए मुफ्त में सेनेटरी नैपकिन ले सकेंगी। छात्राओं के साथ आसपास के गांवों की महिलाएं भी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगीं। इसके लिए 2018-19 में 81.60 लाख रुपए की धनराशि आवंटित की गई है।

गौरतलब है कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के दस राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में सैनेटरी नैपकिन की मशीनें लगाई जानी हैं। योजना पर काम शुरू हो गया है, अगले महीने से चयनित स्कूलों में मशीनों को लगवाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

स्कूलों में कंपोस्ट प्लांट भी लगेगा
स्कूलों में सैनेटरी नैपकिन की मशीन लगाने के साथ ही कंपोस्ट प्लांट भी लगाए जाएंगे, ताकि सेनेटरी नैपकिन का प्रयोग करने के बाद इधर-उधर फेंकने की बजाय सीधे प्लांट में डाला जाए। इसके साथ ही महिलाओं को व 10-19 साल तक की छात्राओं को इसे प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जाएगा, ताकि वह बीमारियों से बच सकें।