सड़क की खराबी से हादसा हुआ तो ठेकेदार पर लगेगा 1 लाख तक का जुर्माना

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    नई दिल्ली। सड़क की खराबी के कारण हादसा हुआ तो ठेकेदार पर लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। नए मोटर व्हीकल (संशोधन) एक्ट 2019 में सड़कों की गुणवत्ता के लिए निर्माता कंपनियों-ठेकेदारों को भी जिम्मेदार बनाने के लिए प्रावधान शामिल किए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से 1 सितंबर से यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने संबंधी नए नियम लागू हो गए हैं।

    मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान को छोड़कर सभी राज्यों ने नए नियमों को लागू कर दिया है। इन नियमों के लागू होने के बाद पूरे देश से 10 से 60 हजार रुपए तक का चालान कटने की खबरें आ रही हैं। इस बीच सोशल मीडिया में सवाल उठ रहा है कि जुर्माना तो बढ़ा दिया लेकिन सड़कें कौन ठीक करेगा।

    हम आपको बता दें कि कंपनियों को जिम्मेदार बनाने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 में सड़क की खराब गुणवत्ता और डिजाइन के कारण होने वाले हादसों के लिए निर्माता कंपनी और ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराने संबंधी कोई प्रावधान नहीं थे।

    सड़क पर सुरक्षित यातायात के उद्देश्य से बनाए गए नए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 में खराब गुणवत्ता और डिजाइन के कारण होने वाले हादसों के लिए निर्माता कंपनी या ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराने का प्रावधान शामिल किया गया है।

    मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 के उपबंध 198-ए (I) के अनुसार यदि सड़क के डिजाइन, निर्माण या मानक के अनुसार रखरखाव में कमी के कारण कोई हादसा होता है तो इसके लिए संबंधित प्राधिकरण, ठेकेदार, डिजाइन बनाने वाली संस्था, कंसल्टेंट में से जिसकी जिम्मेदारी होगी, उसको दोषी माना जाएगा।

    उपबंध 198-ए (II) के अनुसार इनमें से किसी कमी के कारण होने वाले हादसे में मौत या अपंगता होती है तो जिम्मेदार संस्था, निर्माता कंपनी या ठेकेदार पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि, यह नियम अभी लागू नहीं हुआ है और अगले चरण में इसके लागू होने की उम्मीद है।

    मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड में जमा कराना होगा जुर्माना
    उपबंध 198-ए (II) सड़क के डिजाइन में खराबी के कारण हादसे होने पर संबंधित कंपनी या ठेकेदार की ओर से 164 बी के अधीन गठित मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड में जुर्माना राशि जमा करानी होगी। मोटर व्हीकल संशोधन बिल 2019 के उपबंध 164बी के तहत केंद्र सरकार एक मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड का गठन करेगी। इस फंड की देखरेख केंद्र सरकार की ओर से की जाएगी। इस फंड को गठित करने के मुख्य मकसद पूरे देश में सड़क हादसों के पीड़ितों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है।