गोपाल मंत्र पर दी 10 हजार आहुतियां, महारोग निवारण का आह्वान, गूंजा विश्व कल्याण का मंत्र

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कोटा। श्रीवल्लभाश्रय सदन श्रीमहाप्रभुजी मन्दिर भौंरा जिला गुना में प्रथम पीठ युवराज मिलन बावा के सान्निध्य में श्रीगोपाल यज्ञ किया गया। यज्ञ के दौरान भगवान श्री कृष्ण के सहस्त्रनाम का जाप करते हुए समिधा समर्पित की।

इससे पहले नवग्रह पूजन, वरुण पूजन, कलश पूजन, षोडश उपचार पूजन, मातृका पूजन, स्वस्ति पुण्य वाचन के साथ सूक्ष्म रूप से गणेश पूजन, कलश स्थापना के कार्य रीति से संपन्न किए गए। वहीं सर्वतोभद्र मंडल का पूजन भी किया गया।

गोपाल मंत्र के साथ हवन सामग्री की 10 हजार आहुतियां दी गई। वहीं पलाश, पायस, मिश्री, कमल, सफेद तिल समेत विभिन्न सामग्री की समिधा को यज्ञवेदी में अर्पित किया गया।

इस अवसर पर मिलन कुमार बावा ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का गोपाल नाम अद्भुत और चमत्कारी है। पुष्टिमार्ग में श्रीकृष्ण की उपासना गोपाल मंत्र की दीक्षा के द्वारा भी की गई है। गोपाल नाम से श्री कृष्ण के हजारों नामों की स्तुति की गई है। गोपाल मंत्र के जाप से अपने आराध्य की उपासना के साथ ही भक्तजनों का लौकिक दुख भी दूर किया जा सकता है।

मिलन कुमार गोस्वामी ने कहा कि यज्ञ स्वयं नारायण है, यज्ञ ही सबका मूल है। ब्रह्म सदा यज्ञ में विराजमान हैं। पुष्टिमार्ग में प्रारंभ से ही यज्ञ की परंपरा है। इस यज्ञ परंपरा के अनुसार श्रीगोपाल यज्ञ को संपन्न कराया जा रहा है। हम वर्तमान में वैदिक विधियों पर जितना भी शोधकार्य करेंगे उतना ही हमें पता चलेगा कि हमारी प्राचीन भारतीय वैदिक पद्धति में कितनी वैज्ञानिकता थी।

अतः सृष्टि के आरम्भ से ही यज्ञ की परंपरा थी उसे ऋषियों ने एवं महान पुरुषों ने आगे बढाया उसी परम्परा में श्रीमद्-वल्लभाचार्य के पूर्वजों ने अनेक यज्ञ किए। उसी परम्परा को अनेक पुष्टिमार्गीय पूर्वाचार्यों ने एवं पुष्टिमार्ग की प्रथम पीठ के आचार्यों ने अक्षुण्ण रखा है। श्रीगोपाल यज्ञ का बहुत ही माहात्म्य है।