वजाइना से जुड़े खास रहस्य, जो आप नहीं जानते

4785

स्त्री की वजाइना से जुड़ी कुछ बेहद दिलचस्प बातें आपको शायद ही पता हों, ये बातें वजाइना की हेल्थ, सेक्स और सेक्शुअल सेटिस्फेक्शन से जुड़ी हैं। आइये जानते हैं यौन रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश शर्मा से…….

वजाइनल मसल्स बहुत सॉफ्ट लेकिन बहुत स्ट्रॉन्ग होती हैं। आपने शायद कभी गौर किया भी हो कि सेक्स के दौरान इंटकोर्स के वक्त वजाइना की इनर मसल्स पीनिस को अपनी तरफ खींचती हैं। यह स्थिति ना केवल सेक्स के वक्त उत्तेजना बढ़ाती है बल्कि ऑर्गेज़म तक पहुंचाने में भी मददगार है।

पीनिस की तरह वजाइना में भी इरेक्शन होता है। ये और बात है कि वजाइना का इरेक्शन हम देख नहीं पाते लेकिन उत्तेजना के उन पलो में वजाइना भी वैसे ही रिऐक्ट करती है जैसे पीनिस। हालांकि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इरेक्शन की स्टेज तक आने में वक्त लगता है। वजाइना इरेक्ट होते वक्त क्लिटोरिस हल्की मोटी और कुछ स्वैलिंग जैसी साथ ही अधिक सेंसेटिव हो जाती है।

अगर आपकी वजाइना से सीमित मात्रा में वाइट डिस्चार्ज हो रहा है। इसमें किसी तरह की स्मेल या इसकी वजह से इचिंग, बर्निंग जैसी समस्या आपको नहीं हो रही है तो यह इस बात का संकेत है कि आपकी वजाइना स्वस्थ है और अंदर की सफाई खुद कर रही है। ऐसा वाइट डिस्चार्ज हानिकारक बैक्टीरिया को यूट्रस तक जाने से रोकता है। हां, बाहरी हिस्से की सफाई आप इंटिमेट या वजाइनल वॉश से करती रहें।

अगर आपको कभी इस बात का डर सताता है कि पीरियड्स के दौरान टैंम्पून और सेक्स के वक्त कॉन्डम अंदर जाकर आपके यूट्रस या दूसरे बॉडी पार्ट को हर्ट कर सकता है तो परेशान ना हों। क्योंकि वजाइना और यूट्रस के बीच सर्विक्स (गर्भाश्य ग्रीवा) एक बैरियर की तरह काम का करती है।

सामान्य तौर पर वजाइना का रंग लाइट होता है लेकिन उत्तेजना के दौरान ब्लड फ्लो बढ़ जाने के कारण इसके आउटर एरिया का रंग पहले से डार्क होने लगता है। जैसे-जैसे महिलाएं उत्तेजना के शिखर पर पहुंचती हैं, वजाइना में बदलाव होने लगते हैं।

यह संभव है कि आपको बिना सेक्स के भी ऑर्गेज़म फील हो। दरअसल, ऐसा एक्सर्साइज के वक्त हो सकता है। इस तरह के ऑर्गेज़म को ‘exercise-induced orgasm’ यानी व्यायाम के वक्त होनेवाला संभोग सुख कहते हैं। ऐसा अक्सर कोर फोकस ऐक्सर्साइज करने पर होता है। जैसे, बाइकिंग, स्पीनिंग, वेट लिफ्टिंग, पोल क्लाइंबिंग या रोप क्लाइंबिंग।