लोकसभा चुनाव में हर मतदाता पर औसत 700 रुपए खर्च, कल जारी होगी रिपोर्ट

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नई दिल्ली। सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव पर करीब साठ हज़ार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यानी हर संसदीय सीट पर हुआ अनुमानित खर्च सौ करोड़ रुपये से अधिक रहा है। यह दावा सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज द्वारा इस लोकसभा चुनाव में खर्चों पर जारी होने वाली रिपोर्ट में किया गया है। यह रिपोर्ट तीन जून को राजधानी में जारी की जाएगी। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने इस रिपोर्ट की भूमिका लिखी है।

बीते चुनाव से दोगुना है खर्च
यह अब तक हुए किसी भी चुनाव में खर्च सर्वाधिक राशि है। 2014 के चुनाव में करीब तीस हज़ार करोड़ रूपए खर्च किये गए थे। इस तरह 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस साल खर्च करीब दो गुना है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने लिखा है कि जिस तरह चुनाव में धन का इस्तेमाल हो रहा है और राजनीति का अपराधीकरण बढ़ रहा है उसे देखते हुए लग रहा है कि 2019 के चुनाव से अधिक पारदर्शी निष्पक्ष और मुक्त चुनाव भविष्य में नहीं हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार कुछ राज्यों में उम्मीदवारों ने 40 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये और औसतन प्रति मतदाता सात सौ रुपए खर्च हुए।

टूट गया साल 2014 का रिकार्ड
चुनावी खर्चे पर सेंटर फॉर मीडिया स्टडी (सीएमसी) के अनुसार 1996 में लोकसभा चुनावों में 2500 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। साल 2009 में यह रकम बढ़कर 10,000 करोड़ रुपए हो गई। इसमें वोटरों को गैर कानूनी तरीके से दिया गया कैश भी शामिल है। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में यह खर्च 35,547 करोड़ रुपए (500 करोड़ डॉलर) पहुंच गया। ऐसे में इस बार खर्च के मामले में सभी रेकार्ड टूटते नजर आ रहे हैं।

दुनिया का सबसे खर्चीला चुनाव होगा साबित
कारनीज एंडोमेंट फोर इंटरनेशनल पीस थिंकटैंक’ के मुताबिक साल 2019 का चुनाव अमेरिकी चुनावी खर्च की पीछे छोड़ देगा। थिंकटैंक के सीनियर फेलो और दक्षिण एशिया कार्यक्रम के निदेशक मिलन वैष्णव के मुताबिक 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और कांग्रेस चुनावों में 46,211 करोड़ रुपए (650 करोड़ डॉलर) खर्च हुए थे।

वैष्णव के मुताबिक अगर भारत में 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में 35,547 करोड़ रुपये (500 करोड़ डॉलर) खर्च हुए थे तो 2019 के चुनाव में अमेरिकी चुनावों में खर्च का आंकड़ा आसानी से पार हो सकता है। ऐसा हुआ तो यह दुनिया का सबसे खर्चीला चुनाव साबित होगा।