लोकसभा अध्यक्ष ने देखा कोटा की बस्तियों में बाढ़ से तबाही का मंजर

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कोटा। शहरी इलाकों का जायजा लेने के बाद सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ग्रामीण इलाकों का रुख किया। दौरे के बाद बिरला ने लोगों को भरोसा दिलाया कि यदि हालात नहीं सुधरे तो गृह मंत्रालय से बचाव और राहत के लिए सेना और एनडीआरएफ की अतरिक्त टुकडिय़ां तैनात करने को कहेंगे।

चम्बल नदी के निचले क्षेत्र की दर्जनों बस्तियां सोमवार को चौथे दिन भी बाढ़ के पानी से लबालब रही। घरों में सात से पन्द्रह फीट पानी भरा हुआ था। ( Flood in kota Division ) चार दिन से बेघर लोग बाढ़ का पानी उतरने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कई लोग जान जोखिम में डालकर अपने घर को संभालने गए। हालांकि लोगों को रोकने के लिए जगह-जगह पुलिस और सेना तैनात कर रखी है, लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं हैं।

बाढ़ विस्थापितों से मिले
बाढग़्रस्त नंदा की बाड़ी, दोस्तपुरा, नयापुरा बस स्टैंड होते हुए खाई रोड, बलिता कुन्हाड़ी तक के हालातों का जायजा लेने के बाद ओम बिरला रोटेदा, घाटका बराना, बहडवाली, मखीदा, कीरपुरा, रघुनाथपुरा और हवाखेड़ली गांव में हालातों का जायजा लेने गए। उन्होंने ग्रामीणों से बात कर उनकी समस्या सुनीं।

बाढ़ से घिरा कोटा का नयापुरा क्षेत्र।

स्थानीय लोगों से अपील
ओम बिरला ने बाढ़ पीडि़तों को हरसम्भव मदद के लिए आश्वस्त किया, साथ ही अस्थायी आश्रय स्थल में सुविधाओं के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। वे शहर और ग्रामीण इलाकों में भी नाव एवं मोटरबोट से जलमग्न खेतों एवं मकानों का जायजा लेने गए। उन्होंने लोगों से अपील की वे बाढ़ पीडि़तों की मदद को आगे आएं।

बिरला ने बाढ़ पीडि़तों से कहा कि इस मुश्किल घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ हूं। अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक बांधों में पानी की आवक कम हुई है, स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है। एनडीआरएफ एवं सेना के जवान राहत एवं बचाव कार्यों में लगे हैं। राज्य सरकार भी हरसंभव मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि मैं आपदा राहत कार्य से जुड़े केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में हूं।