रूस पर बैन से बौखलाया वीजा, की पीएम मोदी के खिलाफ शिकायत

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नई दिल्ली। वीजा इनकॉर्पोरेशन (VISA Card) ने अमेरिकी सरकार से शिकायत की है कि भारत सरकार फॉर्मल और इनफॉर्मल तरीके से घरेलू भुगतान राइवल रुपे (Rupay Card) का प्रमोशन (Modi govt promoting Rupay Card) कर रही है, जिससे अमेरिकी दिग्गज कंपनी वीजा को नुकसान हो रहा है। हालांकि, सार्वजनिक रूप से वीजा हमेशा यही दिखाता रहा है कि रुपे की ग्रोथ से उसके बिजनस पर असर नहीं पड़ रहा है, लेकिन हकीकत इससे काफी अलग है।

ये पहली बार नहीं है जब वीजा ने रुपे और पीएम मोदी के खिलाफ अमेरिकी सरकार से शिकायत की है। पहले भी वीजा ऐसा कर चुका है। इतना ही नहीं, मास्टकार्ड भी ट्रंप प्रशासन से रुपे और पीएम मोदी की शिकायत कर चुका है। अभी अमेरिका ने रूस पर तमाम प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिससे वहां का बाजार वीजा से छिन गया है। इस वजह से एक बार फिर वीजा को दिक्कत हो रही है और उसने पीएम मोदी के खिलाफ अमेरिकी सरकार को शिकायत कर दी है।

वीजा की तरफ से ऐसी ही शिकायत यूएस ट्रेड रीप्रजेंटेटिव (USTR) Katherine Tai और कंपनी के CEO Alfred Kelly समेत कुछ एग्जिक्युटिव्स के बीच 9 अगस्त को हुई मीटिंग में भी की गई थी। USTR के पास मास्टरकार्ड ने भी कुछ ऐसी ही शिकायत की थी। रॉयटर्स ने 2018 में कहा था कि कंपनी ने USTR से शिकायत करते हुए कहा है कि पीएम मोदी लोकल नेटवर्क को प्रमोट करने के लिए राष्ट्रवाद का सहारा ले रहे हैं।

63 फीसदी हो गया रुपे का बाजार
पीएम मोदी रुपे कार्ड को सालों से प्रमोट कर रहे हैं, जो वीजा और मास्टरकार्ड के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। भारत में नवंबर 2020 तक के आंकड़ों के अनुसार करीब 95.2 करोड़ डेबिट और क्रेडिट कार्ड थे, जिनमें से 63 फीसदी कार्ड रुपे के थे। यह आंकड़ा 2017 में सिर्फ 15 फीसदी था जो तीन सालों में बढ़कर 63 फीसदी तक पहुंच गया। केली कहते हैं कि रुपे से वीजा को दिक्कत हो सकती है, लेकिन अभी भी वह भारत में मार्केट लीडर है।

रुपे का प्रमोशन करने का आरोप
पीएम मोदी ने 2018 में एक स्पीच में कहा था हर कोई सीमा पर जाकर देश की रक्षा के लिए लड़ नहीं सकता है, लेकिन हम रुपे कार्ड का इस्तेमाल कर के देश की सेवा कर सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पिछले साल कहा था कि बैंकों को सिर्फ रुपे कार्ड को ही प्रमोट करना चाहिए। सरकार ने पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन पेमेंट्स के लिए रुपे आधारित कार्ड को प्रमोट भी किया है।

अधिकतर ट्रांजेक्शन वीजा-मास्टरकार्ड से
अगर इंडस्ट्री के सूत्रों की मानें तो भले ही रुपे कार्ड की संख्या भारत में बहुत अधिक हो गई है, लेकिन अभी भी अधिकतर ट्रांजेक्शन वीजा और मास्टरकार्ड के जरिए ही होते हैं। बैंकों की तरफ से अधिकतर रुपे कार्ड मोदी सरकार की तमाम स्कीमों के तहत जारी किए गए हैं। यूएसटीआर का ईमेल दिखाता है कि वीजा ने अमेरिकी सरकार से कहा है कि वह ट्रांजिट कार्ड को रुपे से लिंक करने और बैंकों से रुपे कार्ड जारी करने के भारत के दबाव को लेकर चिंतिंत है।

मास्टरकार्ड को झेलना पड़ा था बैन
मास्टरकार्ड और वीजा के लिए भारत एक अहम बाजार है, लेकिन 2018 में केंद्रीय बैंक ने एक निर्देश दिया था कि कंपनियों को पेमेंट्स का डेटा भारत में ही स्टोर करना होगा, जिससे इन कंपनियों को काफी दिक्कत हुई है। मास्टरकार्ड को तो इसी वजह से भारत में बैन भी झेलना पड़ा था, क्योंकि केंद्रीय बैंक के अनुसार वह 2018 के निर्देशों का पालन नहीं कर रहा था। USTR के एक अधिकारी ने भारत के मास्टरकार्ड पर बैन के फैसले को बेहद कठोर भी कह दिया था।