ओपन सिग्नल के अनुसार जियो यूजर्स अब 5.8 Mbps की औसत स्पीड से नेट चला रहे हैं जो कि पिछले दिसंबर से फरवरी के बीच मिली स्पीड का 50 प्रतिशत है
कोटा । रिलायंस जियो को पिछले साल भारत के टॉप 50 ब्रांड में शामिल किया गया था। इसकी 4G इंटरनेट स्पीड में बेहतरीन सुधार भी देखा गया। भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए यह बड़ी बात थी लेकिन सवाल उठता है जियो ने यह बड़ा बदलाव कैसे हासिल किया।
6 महीने में 49 प्रतिशत स्पीड बढ़ी
जियो 4G की स्पीड पिछले 6 महीने में 49 प्रतिशत बढ़ी है। ओपन सिग्नल के अनुसार जियो यूजर्स अब 5.8 Mbps की औसत स्पीड से नेट चला रहे हैं जो कि पिछले दिसंबर से फरवरी के बीच मिली स्पीड का 50 प्रतिशत है। यह स्पीड कैल्कुलेशन ओपन सिग्नल यूजर्स द्वारा किया गया है जो कि जियो नेटवर्क में हैं।
स्पीड का राज
लॉन्चिंग के शुरुआती 170 दिनों में जियो ने सौ मिलियन सबस्क्राइबर्स का रिकॉर्ड बना लिया था। इससे पहले कॉर्पोरेट के इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण सामने नहीं आया था। हालांकि इस रिकॉर्ड के साथ कुछ मसले भी सामने आए। फरवरी तक जियो यूजर्स को तीन गुना अधिक डेटा मिला जो कि किसी अन्य टेलीकॉम कंपनी की तुलना में अधिक था।
फ्री डेटा से स्पीड का संबंध
अप्रैल 2017 तक जियो मुफ्त था। रिपोर्ट कहती है कि फरवरी में जियो की 4G स्पीड 50 प्रतिशत कम हुई और जुलाई में ये हाल था कि एयरटेल की स्पीड जियो से बेहतर थी। संभव वजह ये भी है कि जैसे ही फ्री ऑफर खत्म हुए, लोगों ने जियो का उपयोग कर दिया। कम यूजर्स के साथ बैंडविड्थ सुधरी और जियो की स्पीड बढ़ गई।
दूसरी वजह
दूसरी वजह ये भी है कि ओपन सिग्नल के अनुसार पेड जियो कस्टमर्स अब कम डेटा उपयोग कर रहे हैं जो कि फ्री डेटा की तुलना में कम ही है। ये भी एक संभावना है क्योंकि फाइनेंशियल रुकावटों से डेटा यूसेज की लिमिट तय हो जाती है। जो भी हो जियो की 4G स्पीड अब सुधरी है।