राहुल के राजस्थान से जाते ही गहलोत और पायलट के बीच की कड़वाहट उजागर

224

बोले जादू-वादू कुछ नहीं होता, ‘गहलोत की ‘जादूगरी’ पर पायलट का निशाना

नई दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस के दो सबसे बड़े दिग्गज नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की कड़वाहट जगजाहिर है। दोनों अक्सर एक दूसरे पर निशाना साधते रहते हैं। कभी परोक्ष रूप से तो कभी खुलकर शब्दबाण चलाते हैं। ऐसे में दोनों के मुंह से निकले एक-एक शब्द के मायने तलाशे जाते हैं।

ऐसा ही अब सचिन पायलट के उस वायरल वीडियो को लेकर हो रहा है, जिसमें उन्होंने कह दिया है कि ‘जादू-वादू’ कुछ नहीं होता। राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत की नाराजगी की वजह से अब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी से दूर पायलट ने यह भी कहा है कि ब्रह्मांड में सिर्फ ईश्वर ही जादूगर है।

दरअसल, हाल ही में दिल्ली एमसीडी, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो कांग्रेस को दो जगहों पर करारी हार का सामना करना पड़ा। एमसीडी और गुजरात में बड़ी हार के बीच पार्टी को हिमाचल प्रदेश से खुशखबरी मिली और यहां 5 साल बाद सत्ता में लौटने में कामयाब रही। खास बात यह है कि अशोक गहलोत के पास गुजरात की जिम्मेदारी थी तो हिमाचल में सचिन पायलट ने काम किया था।

एक पत्रकार ने जब पायलट से पूछा कि उन्होंने हिमाचल में कैसे ‘जादू’ कियाा तो उन्होंने जादू और जादूगरी जैसी बातों को सिरे से खारिज किया। पायलट ने सवाल के बीच में ही कहा, ”ये जादू वादू कुछ नहीं होता है। पूरे ब्रह्मांड में एक ही जादूगर है वह है नीली छतरीवाला (भगवान शिव)। बाकी तो सब हाथ की सफाई है, जादू तो बस ऊपर वाला करता है।”

पायलट का वीडियो वायरल होते ही लोग इसके मायने तलाशने में जुट गए। कुछ लोग इसे पायलट की विनम्रता बता रहे हैं कि उन्होंने हिमाचल में जीत के लिए कोई भी क्रेडिट लेने से इनकार करते हुए जादू को खारिज किया। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि पायलट ने संभवत: उस नैरेटिव को खारिज करने की कोशिश की है जिसके तहत अक्सर गहलोत को जादूगर कहकर संबोधित किया जाता है।

पायलट और गहलोत की प्रतिद्वंद्विता में अब तक हर बार बाजी मुख्यमंत्री अशोक के हाथ ही लगती रही है। गहलोत की जीत का जिक्र करते हुए अक्सर उन्हें जादूगर कहकर संबोधित किया जाता है। दरअसल, गहलोत के पिता जादूगर थे और बचपन में गहलोत भी उनसे कुछ जादूगरी सीखते थे।