राज्य बिजली बिल का कैश पेमेंट लेना बन्द करें , केंद्र ने राज्यों से कहा,

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे बिजली बिल के भुगतान कैश में लेना बंद करें और डिजिटल मोड की ओर बढ़ें। अगर ऐसा हो गया तो कैशलेस इकॉनमी की दिशा में यह एक बड़ी छलांग होगी क्योंकि हर साल लाखों करोड़ रुपये की बिजली कंज्यूम की जाती है।

पावर सेक्रेटरी पीके पुजारी ने बताया कि केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने राज्यों की डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों से कहा है कि वे ऑनलाइन और डिजिटल पेमेंट मैकेनिज्म बनाएं और मजबूत करें। इससे शहरी इलाकों से कैश पेमेंट बंद करने की शुरुआत हो सकेगी और धीरे-धीरे सभी इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर्स को इसके दायरे में लिया जाए।

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के पास उपलब्ध डेटा के अनुसार, अप्रैल 2016 से इस साल मार्च तक राज्यों को 1,134,63.10 करोड़ यूनिट बिजली सप्लाई की गई। अगर 3 रुपये प्रति यूनिट का टैरिफ भी रखकर गणना की जाए तो डिजिटल पेमेंट मैकेनिज्म पर शिफ्ट होने से 340,389 करोड़ रुपये जेनरेट हो सकते हैं।

पुजारी ने कहा, ‘पावर सेक्टर में मनी कलेक्शन मुख्य रूप से डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के जरिए होता है। हमने राज्यों से कहा है कि वे ऐसे उपाय करें जिससे कंज्यूमर्स ई-पेमेंट्स के जरिए भुगतान करें। ऐसा नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड्स या क्रेडिट कार्ड्स से हो सकता है।’ पावर मिनिस्ट्री इसी सप्ताह कैशलेस इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा करेगी।