राज्य के पहले मेडिकल कॉलेज में मरीजों के पर्चे होंगे डिजिटल

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  •  झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में शनिवार को सांसद दुष्यंत सिंह करेंगे मेडकॉर्ड्स हेल्थकेअर का उद्घाटन

  • जिले के सभी रोगियों को मिलेगी निःशुल्क डिजिटल हेल्थ प्रोफाइल सुविधा

कोटा। डिजिटल इंडिया अभियान के तहत झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में मरीजों के पर्चे एवं जांच रिपोर्टों का मेडकॉर्ड्स द्वारा डिजिटलीकरण किया जाएगा। शनिवार को झालावाड़-बारां क्षेत्र के सांसद दुष्यंत सिंह पूरे जिले के रोगियों की निःशुल्क मेडिकल हेल्थ प्रोफाइल बनाने के लिए जनहित में मेडकॉर्ड्स हेल्थकेअर सुविधा का उद्घाटन करेंगे।

मेडकॉर्ड्स के सीईओ एवं युवा आईटी विशेषज्ञ श्रेयांस मेहता एवं निखिल बाहेती ने बताया कि एसआरजी चिकित्सालय में सुबह 11 बजे आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि सांसद दुष्यंत सिंह होंगे तथा अध्यक्षता जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष श्रीकृष्ण पाटीदार करेंगे।

विशिष्ट अतिथि संसदीय सचिव नरेंद्र नागर, भाजपा विधायक आर.सी.सुनारीवाल, विधायक के.एल.मीणा, भाजपा जिलाध्यक्ष संजय जैन, जिला प्रमुख टीना भील, जिला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर.के.आसेरी, एसआरजी अस्पताल के अधीक्षक डॉ.के.के.शर्मा होंगे। 

उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एमओयू होने के बाद मेडकॉर्ड्स ने सभी विभागों में 100 से अधिक चिकित्सकों को मरीजों के पंजीयन, डिजिटल रिकॉर्ड को देखने तथा सुरक्षित रखने के बारे में प्रशिक्षण दिया।

अतिरिक्त प्रिंसीपल प्रथम डॉ.दीपक गुप्ता ने कहा कि गांवों के मरीजों के जांच रिकॉर्ड व पर्चे गुम हो जाते हैं, जिससे उन्हें दोबारा जांच करवानी पड़ती है। मेडकॉर्ड्स पर पंजीयन होने से उनके रिकॉर्ड हमेशा सुरक्षित रहेंगे।

गांवों तक पहुंची डिजिटिल हेल्थकेअर
इससे पहले कोटा में भीमगंजमंडी, दादाबाडी डिस्पेंसरी व रामपुरा सेटेलाइट अस्पताल में इसे चालू करने से हजारों रोगियों को लाभ मिल रहा है।

गत 18 अगस्त को डिजीफेस्ट कोटा में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने मेडकॉर्ड्स हेल्थकेअर को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उपयोगी मानते हुए इसे पूरे राज्य में लागू करने का भरोसा दिलाया था। इसमें ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के मरीजों के लिए अलग-अलग एप हैं, जो उस क्षेत्र में बीमारियों का सर्वे कर बनाए गए।

पर्सनल हैल्थ असिस्टेंट है मेडकॉर्ड्स
मेडकॉर्ड्स के सीइओ ने बताया कि डिजिटल होने के बाद हर रोगी की मेडिकल प्रोफाइल मोबाइल पर मिलेगी, जिसे वह देश-विदेश के विशेषज्ञ चिकित्सक को भेजकर इलाज ले सकते हैं। यह पर्सनल हैल्थ असिस्टेंट की तरह होगा। इसमें डाटा व जांच रिपोर्ट सिक्यूरिटी, एक्सेसिंग व शेअरिंग तीन ऐसे पहलू हैं, जिससे हर रोगी को निशुल्क लाभ होगा।

इसमें डाटा लेटेस्ट तकनीक एएएस-256 से सुरक्षित रहेगा। क्लाउड सर्विसेस से रिकॉर्ड जरूरत के समय 100 प्रतिशत उपलब्ध होगे। दुनिया के टॉप-10 स्टार्टअप में शामिल यह तकनीक मरीजों के लिए वरदान साबित होगी।