राजस्थान एवं मध्यप्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद पर अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बाद देश के दूसरे सबसे प्रमुख गेहूं उत्पादक तथा केंद्रीय पूल में पंजाब के बाद इस खाद्यान्न का दूसरा सर्वाधिक योगदान देने वाला राज्य -मध्यप्रदेश चालू वर्ष के दौरान अधिक से अधिक मात्रा में गेहूं की खरीद सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है।

वहां इस बार 82 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है और किसानों से 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से इसकी खरीद करने का निर्णय लि यागया है जिसमें 2275 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम एस पी) और 125 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस शामिल है।

मध्यप्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि गेहूं बेचने के लिए अब तक 15 लाख से अधिक किसान अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं जबकि आगामी सप्ताहों में इसकी संख्या तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। वहां मार्च के अंत तक किसानो को अपना रजिस्ट्रेशन करवाने की अनुमति दी गई है।

मध्य प्रदेश की भाँति राजस्थान में भी किसानों से 125 रुपए के अतिरिक्त बोनस के साथ 2400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा जाएगा । पिछले साल मध्य प्रदेश में 70.90 लाखटन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी जबकि बोनस की वजह से वहां इस बार अधिक मात्रा में इसकी खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

भारतीय खाद्य निगम के पास गेहूं का स्टॉक घटकर 80.20 लाख टन रह गया है जो वर्ष 2016 के बाद सबसे कम और 1 अप्रैल 2024 के लिए आवश्यक न्यूनतम बफर मात्रा 74.60 लाख टन से कुछ अधिक है। मध्य्प्रदेश और राजस्थान के गेहूं की खरीद आरम्भ हो गई है और अभी तक करीब 983 टन की खरीद हो चुकी है।

केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने चालू वर्ष के लिए 300- 320 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है जबकि पिछले साल 341.50 लाख टन का नियत लक्ष्य की तुलना में केवल 282 लाख टन की खरीद सकी थी । पंजाब में 130 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।