मूडीज ने भारत का ग्रोथ रेट अनुमान घटाकर 5.8 फीसदी किया

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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के बाद अब रेटिंग एजेंसी मूडीज ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ग्रोथ ग्रेट घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया है। पहले इसका अनुमान 6.2 फीसदी था। RBI ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 6.8 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है। मूडीज की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में ग्रोथ रेट बढ़कर 6.6 फीसदी रह सकता है जो आने वाले सालों में बढ़ 7 फीसदी तक पहुंच जाएगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 फीसदी तक GDP ग्रोथ रेट की जो संभावना थी उसको निवेश आधारित सुस्ती ने कमजोर किया है। इसके अलावा मांग में कमी, ग्रामीण घरों पर आर्थिक दबाव, उच्च बेरोजगारी दर और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFI) के पास कैश किल्लत जैसी समस्याओं ने आर्थिक सुस्ती की समस्या को और गंभीर कर दिया है।

RBI ने भी ग्रोथ रेट घटाकर 6.1 फीसदी किया
इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार घटकर 5 फीसदी पर पहुंच गई। यह पिछले छह सालों का न्यूनतम स्तर है। पिछले दिनों रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी ग्रोथ रेट का अनुमान 6.8 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है।

सुस्ती से बढ़ेगा कर्ज का बोझ
मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर अर्थव्यवस्था में सुस्ती जारी रहती है तो इसके कई गंभीर परिणाम होंगे। इसकी वजह से राजकोषीय घाटा कम करने की कोशिश को झटका लगेगा साथ ही कर्ज का बोझ भी बढ़ता जाएगा। हाल ही में सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती का ऐलान किया था। इस घोषणा की वजह से सरकारी खजाने पर सालाना 1.5 लाख करोड़ का बोझ पड़ेगा।

राजकोषीय घाटा बढ़ेगा
मूडीज के मुताबिक, इस छूट की वजह से वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटे का आंकड़ा GDP के 3.70 फीसदी पर पहुंच सकता है। हालांकि, सरकार ने राजकोषीय घाटे का अनुमान 3.30 फीसदी रखा है।