मानसिक रोगी को उपचार करके आत्महत्या से रोका जा सकता है: डॉ. अग्रवाल

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कोटा। होप सोसायटी के चैयरमेन डाॅ. एमएल अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक वर्ष लगभग 10 लाख लोग आत्महत्या करते हैं। इनमें से 90 प्रतिशत लोग मानसिक विकारों से ग्रस्त होते हैं। इनमें भी अवसाद, एनजाईटी, स्किजोफे्रनिया के रोगी अधिक हैं। नशे की प्रवृत्ति भी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार है। समय पर उपचार करके ऐसे मानसिक रोगी को आत्महत्या से रोका जा सकता है।

डाॅ. अग्रवाल होप सोसायटी व अग्रवाल न्यूरो साइकेट्रिक सेन्टर कोटा की ओर से शुक्रवार को माधव नर्सिंग काॅलेज तथा अभियांत्रिकी महाविद्यालय में मानसिक रोग, समस्या एवं निवारण पर आयोजित सेमिनार को सम्बोधित कर रहे थे। डाॅ. अग्रवाल ने कहा कि खतरे के चिन्ह पहचानने, समय पर की गई काउंसलिंग, रोगी को सुनने, रोगी से सवाल पूछकर इस समस्या को कम किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि रोगी की मानसिक स्थिति अस्थिर होने पर वह बहुत जल्दी निर्णय लेने लगता है। ऐसी स्थिति में रोगी को अकेला न छोड़ें, उसे सहयोग करें। इसके लिए होप सोसायटी को समय पर फोन से सूचित किया जाए तो सोसायटी भी बेहतर काउंसलिंग के द्वारा रोगी को बचा सकती है।

डाॅ. अविनाश बंसल ने साइबर बूलिंग और अच्छे स्वास्थ्य के लिए दिनचर्या में सुधार करने की बात कही।कार्यशाला के दौरान आयोजित प्रश्नोत्तरी में विजेता लविश गर्ग, अनिता दास, मनीष गोचर, ज्योति वर्मा, रीमा को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पावर प्वाइंट के माध्यम से फिल्म का प्रदर्शन भी किया।