बारां जिले में अतिवृष्टि से सोयाबीन और उडद की खडी फसल तबाह

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बारां। राजस्थान के बारां जिले मे भारी बारिश के कारण सैंकड़ो बीघा जमीन पर लगी फसलें तबाह हो चुकी हैं । जिसके बाद किसानों को अब सरकार से मुआवजें की आस है । पिछले दिनों प्रदेश में हुई लगातार बरसात से जहां सैकड़ों किसानों की फसलें चौपट हो गई। वहीं फसलों में फल नही लगनें से किसान अब खेतों में मवेशी छोडकर खडी फसलों को नष्ट करने में जुटें हुए हैं।

बता दें कि बारां जिले में लगातार एक माह से हो रही बारिश ने सोयाबीन, उडद की खेतों में खडी फसलों को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। खेतों में खड़ी सोयाबीन, उडद की फसलों में फलियां नहीं लगी। ऐसे में मजबूर किसानों ने खराब हुई फसलों को खेतों में मवेशी को छोड दिया और खडी फसलों की हंकाई करने को मजबूर हो गए।

फसलों के तबाह होने के बाद किसानों को कर्जा चुकाने और घर का खर्च चलाने की चिंता सताने लगी है। जिसके बाद प्रदेश के किसान सरकार से मुआवजें की आस लगाए बैठे है। खबरों की मानें तो बारां नगर शहर के निकट गोपालपुरा क्षेत्र में उड़द व सोयाबीन की करीब 15 सौ बीघा की फसल बारिश की चपेट में आने से हैं खत्म हो गई।

खेतों में खड़ी फसलों की बाकत करें तो किसी में फलियां नहीं बनी तो किसी की फसलें बड़ी नहीं हो पाई। किसानों ने फसलों पर दवाओं का भी प्रयोग किया लेकिन इसका भी कोई खास असर नहीं हुआ।हार कर किसानों ने अब खेतों मे खड़ी फसलों को पशुओं के हवाले कर दिया है। वहीं कई खेतो में ट्रैक्टरों से हंकाई करवाई जा रही है।

पीडित किसानों का कहना है कि फसलों के खराब हो जाने के कारण पूरे ही गांव के हालात दयनीय हो गई है। पटवारी को भी कई बार आकर जायजा लेने के लिए कहा लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।किसानों का कहना है कि अब सोमवार को जिला कलेक्टर से मिलकर ज्ञापन देंगे व समस्या से अवगत कराएंगे। किसानों की मानें तो गांव में किसानों के भूखों मरने की व आत्महत्या करने की नौबत आ गई है।

गोपालपुरा गांव की तरह ही हालत जिलें के सैकडों गांवों के किसानों की है। बारी बारिश से तबाह हुई फसलों के कारण किसानों की चिंता बढने लगी है, लेकिन पीडित किसानों को अब सिर्फ राजे सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं।