प्रोस्टेट ग्रंथि का इलाज आयुर्वेद में बिना ऑपरेशन संभव

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कोटा। प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate gland treatment) के लगातार बढ़ने की समस्या अधिकतर उन लोगों में देखी जाती है जिनकी उम्र 40 से ज्यादा होती है और लगातार कब्ज की शिकायत बनी रहती है। उम्र बढ़ने के साथ साथ हर पुरुष का प्रोस्टेट ग्लैंड भी बढ़ने लगता है। डॉ. सुधींद्र श्रृंगी (एमडी आयुर्वेद) के अनुसार अगर इसका आकार बहुत बड़ा हो जाता है तो यह मूत्र मार्ग में ब्लॉकेज पैदा कर सकता है। ऐसा होने पर पेशाब से संबंधित परेशानियां और किडनी रोग का खतरा बढ़ जाता है। इसके बढ़ने का सबसे बढ़ा कारण लम्बे समय तक कब्ज बने रहना है।(देखिए वीडियो)

प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ने के लक्षण
दिन में 8 से 10 या फिर इससे अधिक बार पेशाब आना
पेशाब करने के बाद बूंद बूंद पेशाब टपकना
पेशाब को थोड़ी देर भी ना रोक पाना
सोते वक्त भी बार-बार पेशाब लगने की समस्या
पेशाब के वक्त तेज दबाव और दर्द का आभास होना
पेशाब के रंग में बदलाव या फिर अजीब तरह की गंध आना
पेशाब करने के बाद मूत्र मार्ग में तेज दर्द होना
स्खलन के बाद असहनीय दर्द उत्पन्न होना

प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ने के कारण
उम्र के बढ़ने के साथ साथ प्रोस्टेट ग्रंथि के आकार में भी बढ़ोतरी होती है लेकिन इसे सामान्य मान लिया जाता है। पुरुषों में दो तरह के हार्मोन्स, टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) और एस्ट्रोजन (Estrogen) का निर्माण होता है। टेस्टोस्टेरोन पुरुष का हार्मोन है जबकि एस्ट्रोजन महिलाओं वाला हार्मोन है। पुरुषों में सामान्य रूप से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन, एस्ट्रोजन के मुकाबले ज्यादा उत्पन्न होता है। उम्र बढ़ने के साथ साथ हमारे रक्त में मेल हार्मोन की कमी होती जाती है और एस्ट्रोजन की मात्रा लगातार बढ़ती जाती है। एस्ट्रोजन का रेशिओ बढ़ने के कारण प्रोस्टेट ग्लैंड की कोशिकाएं भी बढ़ने लगती हैं। यही कारण है कि अधिक उम्र होने पर पौरुष ग्रंथि अनचाहे रूप से बढ़ती है।

डॉ. श्रृंगी का कहना है कि इसकी चिकित्सा आयुर्वेद में संभव है। यदि मरीज का आयुर्वेद पर भरोसा है तो बिना ऑपरेशन मरीज को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।

Disclaimer
पौरुष ग्रंथि (Prostate gland) पर इलाज का डॉक्टर का अपना अनुभव एवं विचार है। उपचार के पहले डॉक्टर से कंसल्ट कर लें। इलाज किसी योग्य चिकित्सक की देखरेख में ही लें।