प्राइवेट सेक्टर बैंकों की बाजार हिस्सेदारी 40 फीसद तक संभव

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“ तमाम चुनौतियों के बावजूद, प्राइवेट सेक्टर के बैंक अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की 2.5 फीसद के मुकाबले 17.8 फीसद की 3-वर्षीय चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ क्रेडिट ग्रोथ देकर अवसरों का फायदा उठाया है।”

नई दिल्ली । बैंकिंग सेक्टर में निजी क्षेत्र के बैंकों की बाजार हिस्सेदारी के साल 2019-20 तक 38 से 40 फीसद तक बढ़ने का अनुमान है। यह अनुमान क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने लगाया है। इक्रा के मुताबिक 31 मार्च 2014 तक प्राइवेट सेक्टर के बैंकों का मार्केट शेयर (बाजार हिस्सेदारी) 19.9 फीसद थी और साल 2016-17 तक यह 27.5 फीसद पर आ गई।

बाजार हिस्सेदारी में यह अनुमानित वृद्धि, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की पूंजीगत बाधाओं और निजी क्षेत्र के उधारदाताओं के लिए 80 फीसद की वृद्धिशील बाजार हिस्सेदारी के साथ-साथ चालू वित्त वर्ष और 2019-20 के बीच बैंकिंग क्षेत्र के लिए 7 से 9 फीसद क्रेडिट ग्रोथ पर आधारित है।

इक्रा के ग्रुप हैड (फाइनेंशियल सेक्टर रेटिंग) कार्थिक श्रीनिवासन ने कहा प्राइवेट सेक्टर के बैंक कमजोर क्रेडिट डिमांड के कारण तेजी से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। जबकि बैंकों को लाभ और ग्रोथ के बीच समन्वय लाने के लिए भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने आगे कहा, “इन तमाम चुनौतियों के बावजूद, प्राइवेट सेक्टर के बैंक अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की 2.5 फीसद के मुकाबले 17.8 फीसद की 3-वर्षीय चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ क्रेडिट ग्रोथ देकर अवसरों का फायदा उठाया है।”

इस रिपोर्ट में कहा गया कि डिपाजिट के मामले में प्राइवेट सेक्टर के बैंकों की बाजार हिस्सेदारी 30 जून 2017 को बढ़कर 23.5 फीसद हो गई थी, जबकि 30 जून 2014 को यह 19 फीसद रही थी।