पुरानी घोषणाएं पूरी नहीं होने पर किसानों ने बजट की प्रतियां जलाकर प्रदर्शन किया

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कोटा में बजट की प्रतियां जलाते किसान।

भारतीय किसान संघ ने बजट को लोक लुभावन और जमीनी सच्चाई से परे बताया

कोटा। भारतीय किसान संघ ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री द्वारा पेश किए गए बजट 2023 को लोक लुभावन और सच्चाई से परे बताया है। पुरानी घोषणाओं को पूरा नहीं करने के विरोध में शुक्रवार को किसानों ने घोड़े वाले चौराहे पर बजट की प्रतियां जलाकर प्रदर्शन किया।

इस दौरान किसानों ने बजट घोषणाओं के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं होने पर 95 प्रतिशत से अधिक घोषणाओं को अधूरा बताते हुए जमकर नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष गिरिराज चौधरी, प्रांत प्रवक्ता आशीष मेहता, जिला मंत्री देवीशंकर गुर्जर, जिला प्रचार प्रमुख रुपनारायण यादव, बृजराज नागर, बिरधीलाल यादव के नेतृत्व में बजट को छलावा बताते हुए बजट भाषण की प्रतियां जलाई गई।

इस दौरान प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए किसानों ने कहा कि जब बिजली ही नहीं मिल रही, तो निशुल्क बिजली की घोषणा से क्या आस की जाए। सरकार ने पहले भी किसानों के लिए अलग बिजली निगम बनाने, तीन फेज बनाकर दिन में बिजली देने, 2023 में कृषि कनेक्शन की पेंडेन्सी खत्म करने, सोलर कनेक्शन देने जैसी घोषणाएं की थी। उनमें से एक भी पूरी नहीं हुई। अब 2 हजार यूनिट फ्री बिजली की घोषणा पर आशंका है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को 1 हजार ड्रोन उपलब्ध कराने, मेगा और मिनी फूड पार्क की पुरानी घोषणाएं फिर से दोहरा दी हैं। जबकि अभी तक एक भी फूड पार्क नहीं बना है। वहीं ड्रेन इरिगेशन को लेकर 200 करोड़ की घोषणा हुई परंतु कुछ नहीं हुआ। हर पंचायत में नंदीशाला के निर्माण की घोषणा भी थोथी साबित हुई है।

सरकार ने पूर्वी नहर परियोजना के लिए 9600 करोड़ की राशि से निगम बनाने की घोषणा की थी। लेकिन सरकार इस घोषणा को पूरी करने के बजाय केवल राजनीतिक बयानबाज़ी में उलझाती रही। अब फिर से ईआरसीपी कार्पोरेशन के माध्यम से 13000 करोड़ की घोषणा कर दी गई। कोटा को बीज लैब, सूक्ष्म सिंचाई रिसर्च सेंटर, कोटा में लहसुन और झालावाड़ में संतरे की प्रोसेसिंग यूनिट पर कोई काम नहीं हुआ।

मेज नदी पर गंगाराम माली ग्राम में 10 करोड़ की लागत से एनिकट, हिंडोली में बांडी नदी पर 12 करोड़ की बरबास ग्राम सिंचाई परियोजना, सांगोद में 4.50 करोड़ की लागत से कांकरिया बान्स्याहेड़ी परियोजना, केशवराय पाटन में मेज नदी पर 12 करोड़ की लागत से झाली जी का बराना ग्राम परियोजना, बूंदी में मेज नदी पर ही 20 करोड़ की लागत से खटकड ग्राम परियोजना सिर्फ कागजी साबित हुई।

रामगंजमंडी में 1.10 करोड़ की लागत से अमझार नदी पर बड़ौदिया आंतरी ग्राम परियोजना, रामगंजमंडी में ही 1.85 करोड़ की लागत से खरली बावड़ी ग्राम परियोजना, झालारापाटन में कालिसिंध नदी पर 6 करोड़ की लागत से रामडी ग्राम परियोजना, कोटा में आहू नदी पर 16 करोड़ की लागत से आहू प्रथम परियोजना, अंता में 15 करोड़ की लागत से सिंगोला लिफ्ट परियोजना की घोषणा की गई है। जो केवल कागजों में ही रह गई हैं।

कोटा में सीएडी नहरों की दक्षता के लिए ड्रेनेज सिस्टम के जीर्णोद्धार, नहरों, वितरिकाओं, ब्रांच केनालों में पक्की लाइनिंग के कार्य के लिए 483 करोड़ की घोषणा की गई। हाडौती के हिंडोली, समरानिया, नाहरगढ़, रावतभाटा की गौण मंडियों में सुविधाएं विकसित करने की भी घोषणा की गई थी।