'परीक्षा पे चर्चा'/ PM मोदी ने दिए छात्रों को तनाव से बचने के मंत्र

1448

नई दिल्ली। एम नरेंद्र मोदी स्टूडेंट्स और उनके पैरंट्स की टेंशन दूर करने के लिए ‘परीक्षा पे चर्चा’ की। पीएम ने अपने चर्चा के दौरान छात्रों को परीक्षा के तनाव से बचने और नुस्खे बताए। खुद को बच्चों का दोस्त बताते हुए पीएम ने कहा कि आपसे आगे भी जुड़े रहने का प्रयास करूंगा। उन्होंने छात्रों से कहा कि आने वाला आपका है। उन्होंने कहा कि कभी कुछ बनने के नहीं बल्कि कुछ करने के सपने पाले, इसमें उन्हें सफलता मिलेगी।

पीएम ने पिछले साल भी छात्रों संग यह चर्चा की थी। दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में हुई इस चर्चा में छात्रों और शिक्षकों से परीक्षा के तनाव को दूर करने पर संवाद किया। इस कार्यक्रम में कुल 2,000 स्टूडेंट्स और टीचर्स हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें से 1,050 छात्रों का चयन निबंध प्रतियोगिता के जरिए किया गया है।

बनने के नहीं, करने के सपने पाले-मोदी
पीएम मोदी से जब यहा सवाल पूछा गया कि किसी परीक्षा की तैयारी के लिए क्या करना चाहिए, इसपर उन्होंने कहा कि हम कभी भी बनने के सपने ना पाले। क्योंकि इसमें निराशा हो सकती है। हम करने के सपने देखें। जीवन को बनने के सपने से जोड़ने के बजाए, कुछ करने के सपने से जोड़ना चाहिए। कुछ करने के सपने से जोड़ोगे तो आपको कभी भी परीक्षा का प्रेशर नहीं रहेगा।

रात को पढ़ें या सुबह? पीएम मोदी ने दिया जवाब
टीचर्स से छात्रों का ऐसा नाता होना चाहिए वे अपनी छोटी-छोटी बातों को भी साझा करें। छात्रों को रात में या दिन में पढ़ना चाहिए, के सवाल पर उन्होंने कि रात में पढ़ाई के वक्त आपके दिमाग में दिन भर की पूरी घटनाएं चलती रहती हैं। ऐसे में सूर्योदय से पहले सुबह यदि पढ़ाई की जाए तो बेहतर होगा। सोने के बाद जब आप उठते हैं तो एक नए दिन की शुरुआत होती है। स्वस्थ मन से आप पढ़ेंगे और यह आपके लिए ज्यादा लाभदायी होगा।

बड़े होने पर भी बढ़ाएं बच्चों का हौसला
हमें अपने बच्चों की क्षमता का अंदाजा होना चाहिए और उसी के अनुसार उनको प्रोत्साहित करना चाहिए। पैरेंट्स को लेकर उन्होंने कहा कि आपको यह सोचना चाहिए कि जब बच्चे छोटे थे तो आप कैसा बिहेव करते थे। छोटा बच्चा जब गिर जाता है तो मां ताली बजाती है और कहती है कि कोई बात नहीं। आपको उसके बड़े होने पर भी ऐसा ही बिहेव करना चाहिए। माता-पिता को बच्चों को मदद करने की अपनी मानसिकता हमेशा जिंदा रखनी चाहिए।

बिजली बचाना भी श्रेष्ठ नागरिक का कर्तव्य
अधिकार और कर्तव्यों को लेकर पूछे गए एक सवाल को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि दोनों अलग नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारे कर्तव्यों में ही अधिकार भी समाहित हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी को नागरिक के नाते कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। लाइन में रहना, बिजली की कम खपत करना और टिकट लेकर ही चलने जैसी चीजों के जरिए हम अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकते हैं।

तकनीक पर करें नियंत्रण, समय न करें बर्बाद
नई तकनीक को सीखने के लिए छात्रों को प्रेरित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम सिर्फ इसका ज्ञान ही नहीं होना चाहिए बल्कि उसकी उपयोग अपने हित के लिए करना सीखना चाहिए। ऐसा देखा जा रहा है कि बहुत से लोगों का समय तकनीक चुरा लेती है। यह सोचिए कि आखिर स्मार्टफोन कितना समय चोरी कर लेता है। तकनीक को जीवन में साथी के तौर पर जोड़ें, लेकिन उसे जिंदगी का हिस्सा न बनने दें।

ऐक्स्ट्रा ऐक्टिविटी के लिए भी दबाव ठीक नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि यह वह दौर है, जब माता-पिता बच्चों पर ऐक्स्ट्रा ऐक्टिविटी के लिए भी दबाव डालने लगे हैं। मां-बाप का भी काम है कि यह देखें कि वह बच्चों की रुचि देखें और उसके मुताबिक उन्हें अवसर दें। बच्चों की ऐक्स्ट्रा ऐक्टिविटी को भी कहीं न कहीं बांधना चाहिए, तभी बच्चे अपनी क्षमता का सही आकलन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि आप स्कूली जीवन में विविधताओं के साथ आगे बढ़ते हैं तो फिर आपके जीवन में निराशा नहीं रहती।

पीएम ने खुद को बताया बच्चों का दोस्त
परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में पीएम मोदी एक दोस्त की तरह छात्रों से मुखातिब हुए। उन्होंने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, ‘ उनका यह दोस्त एक बार फिर उनके सामने है।’ पीएम ने छात्रों को 2020 के दशक की अहमियत समझाई। उन्होंने कहा कि यह दशक हिंदुस्तान के लिए बहुत अहम है। इस दशक में देश जो भी करेगा, उसमें 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों का सबसे ज्यादा योगदान होगा। मोदी ने कहा कि यह दशक नई ऊंचाइयों को पाने वाला बने, यह सबसे ज्यादा इस पीढ़ी पर निर्भर करता है।

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम दिल को छूने वाला-मोदी
पीएम ने कहा कि उन्होंने कहा कि वह कई साल तक सीएम रहे, फिर लोगों उन्हे पीएम बना दिया। इस कारण कई जगह जाना होता है। कुछ जानने को मिलता है, कुछ सीखने को मिलता है। हर का अपने महत्व होता है। लेकिन अगर कोई मुझे कहे कि इतने कार्यक्रमों के बीच परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरे दिल के करीब है और दिल को छूने वाला है।

पीएम बोले, #Withoutfilter से करते हैं चर्चा
पीएम मोदी ने कहा कि आपके माता-पिता का बोझ भी मुझे हल्का करना चाहिए जो काम आपके माता-पिता करते हैं, मैं भी सामूहिक रूप से कर लूं। मैं भी तो आपके परिवार का सदस्य हूं। इस दौरान पीएम ने बच्चों से पूछा क्या वह उनके लिए बोझ तो नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं आपके साथ #Withoutfilter के साथ चर्चा करता हूं।

चंद्रयान के उदाहरण से दी मोटिवेशन की सीख
पीएम मोदी ने इस दौरान विफलता से निपटने के लिए छात्रों को गुर दिए। उन्होंने कहा, ‘ चंद्रयान के लॉन्चिंग के दिन आप सब रात को जाग रहे थे, आपका चंद्रयान को भेजने में कोई योगदान नहीं था, वैज्ञानिकों ने मन लगाकर काम किया, जब चंद्रयान सफल नहीं हुआ तो आप सबके साथ पूरा देश डिमोटिवेट हो गया था। कभी-कभी विफलता हमको ऐसा कर देती है।’ उन्होंने कहा, ‘उस दिन मैं भी