नौ टन लदान के नाम पर पूरे राज्य में भ्रष्टाचार पनप रहा है: माहेश्वरी

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कोटा। कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि पिछले 40 वर्षों से 9 टन लदान के नाम पर पूरे राज्य में भ्रष्टाचार पनप रहा है। राज्य का 50 प्रतिशत व्यवसाय खनन एवं इससे आधारित उद्योगों पर निर्भर करता है। और करीब एक करोड़ लोगों को इससे रोजगार मिला हुआ है।

पूरे देश में सेण्ड स्टोन, कोटा स्टोन, जैसलमेर स्टोन, ग्रेनाईट, मार्बल, धोलपुर स्टोन का बहुतायात में राज्य में कारोबार होता है, साथ ही देश-विदेश में इसकी सप्लाई की जाती है, और सरकार के लिए राजस्व प्रमुख आधार है। आये दिन 9 टन लदान के नाम पर इस कानून की आढ़ में भ्रष्टाचार पनप रहा है, जिससे इस क्षेत्र में कार्य कर रहे व्यवसायी उद्यमी एवं खनन व्यवसायी बूरी तरह से त्रस्त है।

माहेश्वरी ने कहा कि मैं स्वयं पिछले 30 वर्षों से कई बार इस मसले पर इन व्यवसायों के सहयोग से आन्दोलन कर चुका हूँ, लेकिन आज तक इसका कोई स्थाई हल नही निकला है। इसका स्थाई हल निकालने के लिए पूरे राज्य के खनन व्यवसायी एक मंच पर आकर राज्य व केन्द्र सरकार से मांग करे कि आने वाली खनन नीति में पत्थर लदान को 9 टन की सीमा से मुक्त किया जावें साथ ही इसके लिए अलग से लोडिंग नीति बनाई जायें। उन्होंने पत्थर व्यवसाईयों को आश्वस्त किया कि आपके द्वारा जो भी आन्दोलन चलाया जायेगा, कोटा व्यापार महासंघ अपना पूर्ण समर्थन देगा।

इस अवसर पर पत्थर व्यवसायियों ने कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव पद पर पिछले 18 वर्षों से अशोक माहेश्वरी के निर्विरोध निर्वाचित होने अभिनन्दन किया गया। साथ ही पिछले तीन माह से मुकुन्दरा टाईगर हिल्स की सीमा 10 किलोमीटर से घटाकर 1 किलोमीटर किये जाने के आन्दोलन में सहयोग देने पर भी उनका स्वागत किया गया।

इससे पहले कोटा स्टोन स्माॅल स्केल इण्डस्ट्रीज एसोसियेशन, रामगंजमण्डी के अध्यक्ष नरेन्द्र काला, सचिव अखिलेश मेड़तवाल, उपाध्यक्ष गोपाल गर्ग एवं बरड़ सेण्ड स्टोन विकास समिति के अध्यक्ष बंशीलाल राठौर, सेण्ड स्टोन ट्रेडर्स एसोसियेशन के अध्यक्ष हरदेश शर्मा एवं कोटा व्यापार महासंघ के सेण्ड स्टोन व्यवसाय से सलाहकार बोर्ड के निदेशक पारस काला ने बताया कि पिछले तीन माह से नौं टन लदान के नाम पर ट्रकों को रोका जा रहा है, जिससे इस व्यवसाय को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सेण्ड स्टोन ट्रेडर्स एसोसियेशन के अध्यक्ष हरदेश शर्मा एवं सचिव गणेश गुप्ता ने बताया कि दोहरी निति का आलम यह है कि भीलवाड़ा जिले के बिजौलिया एवं कोटा क्षेत्र में आरटीओ विभाग की मिलीभगत से पूरी तरह से ओवरलोडिंग वाहन चल रहे है, जबकि डाबी, बुधपुरा, धनेश्वर, क्षेत्रों में नौं टन लदान को सख्ती से लागू कर रखा है, जिससे इस क्षेत्र में पत्थर का खनन कार्य एवं लदान पूरी तरह से ठप्प होने की स्थिति में आ गया है।

5 हजार खनन व्यवसाय नीति एवं पचास हजार श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कोटा व्यापार महासंघ से इस दिशा में सहयोग मांगा और कहा कि हम किसी भी स्तर पर इसके लिए आन्दोलन करने को तैयार है। इस अवसर पर केशवराय पाटन की विधायक चन्द्रकान्ता मेघवाल ने कहा कि जब मैं रामगंजमण्डी की विधायक थी, तब महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने तब खनन उद्योग पर GST.,वेट, राॅयल्टी एवं लोडिंग जैसे मसलों पर सदैव पत्थर व्यवसायियों का साथ दिया था। इसके लिए वह बधाई के पात्र है।