नई दिल्ली। बजट में नए इनकम टैक्स स्लैब्स के जो प्रपोजल दिए गए हैं, वे ज्यादा न्यायसंगत हैं और कई देशों के टैक्स सिस्टम की गहरी स्टडी के बाद बनाए गए हैं। यह बात राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कही है। पांडे के मुताबिक, दूसरे देशों के टैक्स स्ट्रक्चर की स्टडी से पता चला है कि इनकम टैक्स स्लैब कम होने से टैक्सपेयर्स के साथ भेदभाव बढ़ता है और कम आय वर्ग वाले टैक्सपेयर्स को ज्यादा मुश्किल होती है। पहले चार रहे इनकम टैक्स स्लैब को बढ़ाकर पहली अप्रैल से सात करने का प्रस्ताव है।

एक या दो ही हों टैक्स स्लैब्स!
पांडे ने कहा, ‘लोगों का कहना है कि स्लैब एक या दो होने चाहिए, लेकिन यह बहुत पक्षपातपूर्ण होगा। टैक्स स्लैब एक या दो होने पर टैक्स रेट ज्यादा होंगे। इनकम टैक्स स्ट्रक्चर प्रोग्रेसिव होना चाहिए। हमने नतीजे पर पहुंचने के लिए विकासशील, विकसित, पड़ोसी देशों के टैक्स स्लैब का अध्ययन किया।’ नया टैक्स सिस्टम एग्जेम्पशन और डिडक्शन छोड़ने वालों के लिए है और ऑप्शनल है। टैक्सपेयर्स एग्जेम्पशन के साथ तीन रेट वाले मौजूदा स्ट्रक्चर में बने रह सकते हैं जिसमें 10 लाख रुपये से ऊपर की इनकम पर 30% का पीक रेट है।

खत्म हो जाएंगी टैक्स छूट!
फाइनैंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा है कि टैक्स एग्जेम्पशंस को अंत में खत्म कर दिया जाएगा और सभी टैक्सपेयर्स को सिंपल सिस्टम में लाया जाएगा। नए टैक्स रेट के तहत 15 लाख रुपये तक की इनकम पर 78,000 रुपये की टैक्स सेविंग्स होगी। पांडे ने कहा कि कम इनकम वाले टैक्सपेयर्स पर कम टैक्स रेट लगेगा। उन्होंने कहा कि टैक्सपेयर्स को एग्जेम्पशन छोड़ने का विकल्प देना ज्यादा सिंपल टैक्स व्यवस्था की तरफ उठा बड़ा कदम है।

सिंगापुर में 11, चीन में 7 टैक्स स्लैब्स
न्होंने इन आशंकाओं को गलत बताया कि नए टैक्स स्लैब पेश करने से जटिलता और टैक्सपेयर्स की मुश्किल बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सिंगापुर में 11 टैक्स स्लैब हैं जबकि चीन में सात हैं और टैक्स की सबसे ऊंची दर 45% है। पहले से भरे रिटर्न फॉर्म जैसे आईटी इनेबल्ड टूल्स से टैक्सपेयर्स के लिए रिटर्न फाइल करना आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘सिस्टम प्री-फिल्ड फॉर्म्स में टैक्स लायबिलिटी दिखाएगा।’ पांडे ने इनकम टैक्स डिस्प्यूट सेटलमेंट स्कीम विवाद से विश्वास स्कीम के बारे में कहा कि जैसे ही संसद में संबंधित बिल पास होगा, सरकार इसके बारे में नोटिफिकेशन जारी करेगी। यह इनडायरेक्ट टैक्स वाली स्कीम जैसी है।

किसी पर नहीं होगा दबाव
राजस्व सचिव ने बताया कि आयकर विभाग ने फील्ड ऑफिस को उन टैक्सपेयर्स से संपर्क करके स्कीम के तौर-तरीके समझाने के लिए कहा है जिनके साथ टैक्स रिलेटेड विवाद चल रहा है ताकि वे सोच-समझकर फैसले कर सकें। उन्होंने कहा, ‘हम उनकी मदद कर रहे हैं। हम किसी पर दबाव नहीं डाल रहे हैं। सबको विकल्प मिलना चाहिए। उनसे टैक्सपेयर्स से मिलने और स्कीम से जुड़े नफा-नुकसान के बारे में बताने के लिए कहा गया है।’ किसी पर दबाव नहीं होगा।