दलाल कंवलजीत ने कबूला महेश से 20 लाख का सौदा, 5 लाख मेहता को दिए

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कोटा। एसीबी ने यूआईटी के पूर्व चेयरमैन रामकुमार मेहता को दलाल कंवलजीत के सामने बैठाया और उन सभी तथ्यों पर क्रॉस इंट्रोगेशन किया। जैसे ही एसीबी अधिकारी सवाल दागने लगे तो मेहता के माथे पर पसीना आ गया। वे बार-बार हड़बड़ाने लगे, जवाब पलटने लगे और बात बदलने लगे। हालांकि दोनों से पूछताछ के बाद एसीबी ने स्पष्ट कर दिया कि प्रॉपर्टी डीलर महेश मेघानी से लिए गए 5 लाख रुपए मेहता ने अपने पास ही रखे थे।

एसीबी के एसपी सुधीर चौधरी, डीएसपी तरुणकांत सोमाणी व सीआई अजीत बागड़ोलिया ने बूंदी एसीबी ऑफिस में करीब 3 घंटे तक इन दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की। जमानत पर चल रहे कंवलजीत को एसीबी ने पूछताछ के लिए तलब किया था। मेहता के सामने बैठकर कंवलजीत ने साफ कहा कि महेश मेघानी वाले सौदे के 20 लाख रुपए में से 15 लाख रुपए मैंने लिए थे, जबकि 5 लाख रुपए इन्होंने (मेहता) अपने पास ही रखे थे।

जैसे ही कंवलजीत ने यह बयान दिया तो मेहता ने फिर बात पलट दी और कहा कि मैंने 5 लाख रुपए अपने पास रखकर कंवलजीत को पुराने उधार दिए हुए पैसों में एडजस्ट कर लिए थे। हालांकि कंवलजीत ने ऐसे किसी उधार की बात को नकार दिया। उसने यह भी कहा कि मैं महेश मेघानी को नहीं जानता था, पहली बार मेहता ने ही मुझे उससे मिलवाया था।

दूसरे के नाम से मेहता ने ले रखी थी सिम
एसीबी सूत्रों ने बताया कि रिमांड पर चल रहे रामकुमार मेहता इतने शातिर थे कि उन्होंने कभी अपने नाम वाली सिम से कंवलजीत से बात नहीं की। अव्वल तो उन्होंने किसी अन्य के मोबाइल से उससे बात की, ऐसे दो नंबर सर्विलांस के दौरान पकड़ में आए, जिनमें से एक में इनकमिंग बंद है और दूसरा अब स्विच ऑफ हो गया।

दोनों के नाम भी एसीबी को मिल गए हैं, जिनसे पूछताछ की जानी है। ये दोनों लोग मेहता के घर या ऑफिस आते-जाते रहते थे। वहीं एक सिम ऐसी भी सामने आई, जो किसी और के नाम से मेहता ने खुद ले रखी है। जनवरी से मार्च, 2018 के बीच मेहता ने इस नंबर से कंवलजीत से 14 बार बात की। एसीबी ने इस नंबर की कॉल डिटेल भी निकाल ली है। पूछताछ के बाद एसीबी मेहता को बुधवार को फिर से कोटा एसीबी कोर्ट में पेश करेगी।

दलाल से एसीबी के सवाल
सवाल : क्या रामकुमार मेहता ने आपको 5 लाख रुपए दिए थे?
कंवलजीत : नहीं, 20 लाख का सौदा था, 15 लाख मैंने लिए, 5 लाख इन्होंने अपने पास रखे।
सवाल : नरसी मीणा कौन है, कैसे जानते हो?
कंवलजीत : नरसी मीणा जयपुर यूडीएच में बाबू है, जो कोटा यूआईटी से जुड़ी फाइलें डील करता है। उससे भी मेरी मुलाकात रामकुमार मेहता ने ही करवाई थी। मैं उसे पहले से नहीं जानता था।
सवाल :महेश मेघानी को कब से जानते हो?
कंवलजीत : इन्होंने (मेहता) ने महेश से मिलवाया था। पहली मुलाकात कोटा व दूसरी जयपुर के ओम टावर होटल में हुई। महेश ने 5 लाख नकदी, बाकी 10 लाख खाते में डलवाए।
सवाल :. रामकुमार मेहता को कब से जानते हो, तुम दोनों पहली बार कब मिले?
कंवलजीत : दोनों एक समाज से हैं, समाज के कार्यक्रमों में अक्सर मिलते-जुलते रहते थे। करीब ढाई साल पहले पहली बार मिला था। तब से हमारे अच्छे संबंध बन गए।