टायर, वेजिटेबल फेट के 119 करोड़ के फर्जी बिल बना GST चोरी की

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भरतपुर। 119 करोड़ रुपए के टायर, वेजिटेबल फेट और शक्कर इत्यादि की खरीद दिखा सरसों, सरसों तेल, खल इत्यादि कि फर्जी बिल जारी कर दिए। यह कारनामा सात करोड़ रुपए के जीएसटी चोरी के मुख्य आरोपी ने कर दिखाया है। पकड़े जाने से बचने के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी फर्जी किराएनामे से कराया गया था। फर्जीवाड़ा में काम ली गई दो फर्में ट्रक ड्राइवरों के नाम निकली हैं।

सीजीएसटी अलवर कमिश्नरेट की जांच के अनुसार नई मंडी निवासी अश्वनी उर्फ गोलू बागपतिया के गिरोह ने एक माल खरीदने की एंट्री दिखा, दूसरा माल के फर्जी बिल जारी किए। उदाहरण के तौर पर ओम शांति ट्रेडिंग कंपनी में एक करोड़ 85 लाख रुपए के टायरों की खरीद दिखाई गई। दूसरी ओर इसी फर्म में टायरों के बजाए सरसों, सरसों के तेल, खल इत्यादि वस्तुओं की बिक्री दिखाई गई है।

इससे साफ है कि माल के रूप में टायर कभी आए ही नहीं थे, बल्कि केवल उनके बिल फर्म में आए। टायरों की तरह ही शक्कर, वेजिटेबल फैट इत्यादि वस्तुओं की 119 करोड़ रुपए की खरीद दिखाई गई है। साथ ही ऐसी कई वस्तुओं के बिक्री करना दिखाया गया, जिन्हें इस फर्म ने कभी खरीदा ही नहीं था। यानि वास्तविकता में वे वस्तुएं किसी को दी ही नहीं गई, केवल उनके फर्जी बिल फर्म ने जारी किए।

ड्राइवर से ले रखी थी पॉवर ऑफ अटॉर्नी
गोलू बागपतिया ने धौलपुर निवासी अपने ड्राइवर तारा चंद शर्मा के नाम फर्जी फर्म खोली थी। इसके लिए उसने ड्राइवर के पेन, आधार, वोटर आईडी, फोटो और चेक लिए थे। जिनके आधार पर ओम शांति ट्रेडिंग कंपनी नाम से फर्म खोली गई। इस फर्म को ऑपरेट करने के लिए ड्राइवर से पॉवर ऑफ अटॉर्नी ले रखी थी। इसी तरह ड्राइवर उदयवीर के दस्तावेजों से महालक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी खोली थी।

फर्जी किराएनामे पर रजिस्ट्रेशन कराया
गिरोह ने करोड़ों की टैक्स चोरी को अंजाम देने के लिए जीएस उद्योग फर्म का उपयोग किया। जिसका फर्जी किराएनामे पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराया था। किरायानामा मोहम्मद मोइन ओमर अल्वानी और मैसर्स जैन कुरियर्स, हैदराबाद के बीच बना है। बागपतिया ने सीजीएसटी को बयान दिया कि रजिस्ट्रेशन के लिए रामस्वरूप वकील को कोई किरायानामा नहीं दिया था। दूसरी ओर वकील ने सफाई दी कि उसने लॉगइन आईडी और पासवर्ड बागपतिया को दिया था। जिससे बागपतिया ने ही किरायानामा अपलोड किया था।