ज्ञान का उपयोग समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए करें: राज्यपाल मिश्र

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राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा का 12वाँ दीक्षांत समारोह आयोजित

कोटा। राज्यपाल कलराज मिश्र ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए शिक्षा का प्रसार सुदूर क्षेत्रों और सभी वर्गों तक करने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही जीवन और समाज को बेहतर बनाने का महत्वपूर्ण साधन है, ऐसे में केवल पाठ्यपुस्तकों और कक्षाओं तक सीमित नहीं रहते हुए विद्यार्थियों को व्यवहारिक एवं कौशल परक शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए, ताकि वे बेहतर समाज का निर्माण करने में योगदान कर सकें।

राज्यपाल श्री मिश्र बुधवार को कोटा के यूआईटी ऑडिटोरियम में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के 12 वें दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे सीखे हुए ज्ञान का उपयोग भावी जीवन के निर्माण तथा समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए करें। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को उद्धृत करते हुए कहा कि शिक्षा जितनी गहरी और व्यापक होगी, समाज उतना ही संपन्न होगा।

राज्यपाल ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति में वहां के इंजीनियर्स की भूमिका अग्रणी होती है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इंजीनियरिंग की शिक्षा में विद्यार्थिओं को मानवीय मूल्यों की शिक्षा देने व उनको नवाचार हेतु प्रेरित करने के लिए स्किल डवलपमेंट पर विशेष जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के आलोक में ऐसे कोर्स विकसित किए जाएं जो विद्यार्थी को सकारात्मक रहने के लिए प्रेरित करें।

तेजपुर विश्वविद्यालय असम के पूर्व कुलपति प्रो. वी.के. जैन ने कहा कि सम्पूर्ण देश में आरटीयू गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाता है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। विद्यार्थी डिग्री प्राप्त करने के बाद आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि भारत में उभरते हुए अवसरों को पहचाने और राष्ट्र की उम्मीदों पर खरे उतरें।

आरटीयू के कुलपति प्रो. एसके सिंह ने कहा कि वर्तमान में राजस्थान प्रदेश में विश्वविद्यालय से 85 महाविद्यालय सम्बद्ध हैं। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय सभी सम्बद्ध महाविद्यालयों का विकास एवं छात्रों की शिक्षा को रोजगारपरक एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, जिससे राज्य के शिक्षक एवं छात्र तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में सम्पूर्ण भारत ही नहीं वरन् विश्व पटल पर अपनी पहचान कायम कर सके।

इस अवसर पर दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल ने 106 विद्यार्थियों को डिग्रियां व 28 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए एवं दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय और सभी डिग्री तथा स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई व उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं प्रदान की। उन्होंने विद्यार्थी गतिविधि केंद्र का वर्चुअल शिलान्यास भी किया।

12वें दीक्षांत समारोह में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के विभिन्न सम्बद्ध महाविद्यालयों के निदेशक, प्राचार्य, विश्वविद्यालय प्रबन्ध मण्डल एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, राजभवन से पधारे अधिकारीगण, विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, कार्यालयाध्यक्ष, कुलसचिव, समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण, संकायसदस्य, शिक्षकगण, शिक्षाविद, विद्यार्थी व उनके अभिभावकण, प्रशासनिक अधिकारीण, गणमान्य नागरिक, मीडिया के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

21,567 डिग्रियों और गोल्ड मेडल्स का किया वितरण
12वें दीक्षांत समारोह के दौरान इस वर्ष कुलाधिपति स्वर्ण पदक एमटेक (स्ट्रक्चरल इंजीनियंरिंग) विद्यार्थी प्रज्ञा महेश्वरी एवं कुलपति स्वर्ण पदक बीटेक (कम्प्यूटर साईन्स एन्ड इंजीनियरिंग) विद्यार्थी त्रिशा विश्वास को प्रदान किया गया। स्वर्ण पदक की श्रेणी में बीआर्क 1, बीटेक 14, एमटेक 11, एमबीए 1, एमसीए 1 पाठ्यक्रम सहित 28 स्वर्ण पदक। वर्ष बीआर्क 194, बीबीए 1, बीएचएमसीटी 9, बीटेक 19320, एमबीए 1265, एमसीए 535, एमटेक 221, एमार्क 1, पीएचडी 21 पाठ्यक्रम सहित 21,567 विद्यार्थियों को दीक्षा प्रदान की गई तथा इसी दिन विश्वविद्यालय के सभी सम्बद्ध महाविद्यालयों ने छात्रों को विशेष कार्यक्रम आयोजित कर उपाधियां वितरित की। इस वर्ष बीआर्क 5, बीटेक 55, एमटेक 32, एमबीए 5, एमसीए 6, पीएचडी 21 पाठ्यक्रम सहित 124 डिग्रियां प्रदान की गई।