जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक आज दिल्ली में, वाहनों पर 22% उपकर का प्रस्ताव

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नई दिल्ली। GST Council Meeting: जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक आज नई दिल्ली में होगी। इसमें ऑनलाइन गेमिंग पर कराधान, उपयोगी वाहनों की परिभाषा, पंजीकरण और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने के नियमों को सख्त करने पर विचार किया जा सकता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में सिनेमाघारों में परोसे जाने वाले खाद्य एवं पेय पदार्थों और कैंसर के इलाज में उपयोगी दवा के आयात पर छूट दी जा सकती है।

ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी जीएसटी देना पड़ सकता है। जीएसटी परिषद के मंत्रियों का समूह (जीओएम) इन पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने पर सहमत हो गया है। हालांकि, ऑनलाइन गेमिंग पर कर की दर को लेकर गोवा असहमत है। राज्य ने इस पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।

महंगे हो सकते हैं उपयोगी वाहन
बैठक में 22 फीसदी उपकर लगाने के लिए उपयोगी वाहनों की परिभाषा भी स्पष्ट की जा सकती है। फिटमेंट समिति ने 28 फीसदी जीएसटी के अलावा 22 फीसदी क्षतिपूर्ति उपकर लगाने के मामले में बहु-उपयोगी वाहन (एमयूवी) या बहुउद्देशीय वाहन या क्रॉसओवर यूटिलिटी वाहन (एक्सयूवी) को स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) की तरह परिभाषित करने की सिफारिश की है। समिति ने सिफारिश की है कि चाहे वे किसी भी नाम से पुकारे जाएं, सभी उपयोगी वाहनों पर 22 फीसदी उपकर लगेगा। इसके लिए शर्त है कि वे तीन मापदंडों…लंबाई चार मीटर से अधिक, इंजन क्षमता 1,500 सीसी से ज्यादा और ग्राउंड क्लीयरेंस ‘बिना लोड वाली स्थिति’ में 170 मिमी से अधिक…को पूरा करते हों।

कैंसर की दवा के आयात पर कर छूट संभव
जीएसटी परिषद कैंसर के इलाज में उपयोगी व्यक्तिगत रूप से आयातित दवा डिनुटूक्सिमैब पर कर में छूट दे सकती है। वर्तमान में ऐसे आयात पर 5 या 12 फीसदी आईजीएसटी लगता है। फिटमेंट समिति ने सुझाव दिया है कि जिस दवा की लागत 36 लाख रुपये है, उसे जीएसटी से छूट दी जानी चाहिए।

सिनेमाघरों में सस्ते हो सकते हैं खाने-पीने के सामान
फिटमेंट समिति ने कहा, सिनेमाघरों में परोसे जाने वाले भोजन व पेय पदार्थों पर 5 फीसदी कर लगाया जाए न कि 18 फीसदी, जैसा कुछ मल्टीप्लेक्स में किया जा रहा है। पंजीकरण नियम सख्त हो सकते हैं। इसके तहत पंजीकरण चाहने वाले व्यक्ति के पैन से जुड़े बैंक खाते का ब्योरा जमा करने की अवधि 45 दिनों से घटाकर 30 दिन की जा सकती है। ‘उच्च जोखिम’ वाले आवेदकों के कारोबारी परिसर का भौतिक सत्यापन अनिवार्य हो सकता है।