जज्बा: जहरीले सांप के काटने पर भी दी परीक्षा

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कोटा। सर्पदंश के बाद अस्पताल में भर्ती दीगोद के भगवानपुरा गांव निवासी अशोक का जज्बा सोमवार को हर किसी को संदेश दे गया। विषैले सर्प के काटने की वजह से अशोक कोटा के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती था, 4 दिन चले उपचार के बाद स्थिति में सुधार हुआ तो उसने बताया कि सोमवार को मैं एग्जाम देना चाहता हूं।

डॉक्टर भी हैरान हुए कि इस स्थिति में मरीज को कैसे एग्जाम देने की अनुमति दी जाए। हालांकि बाद में डॉक्टरों ने अपनी निगरानी में दर्द निवारक इंजेक्शन देकर उसे एग्जाम देने भेजा और वापस आने के बाद फिर से भर्ती कर लिया।

सर्प विशेषज्ञ प्रो. विनोद महोबिया ने बताया कि 11 अप्रैल की शाम को अशोक को सांप ने काटा था। रात को उसे हमारे यहां लाया गया और पैर में सूजन व ब्लीडिंग देखकर पहली नजर में ही लग गया कि मरीज को विषैले रसेल वाइपर की बाइट है। उसे तत्काल निजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया, जहां डॉ. यश भार्गव की देखरेख में उसका इलाज चलता रहा।

स्नेक बाइट की वजह से उसका पैर काफी सूज गया और असहनीय दर्द था। मरीज चलने-फिरने में भी असमर्थ था। रविवार को अशोक ने बताया कि मेरा बीए फर्स्ट ईयर का एग्जाम है और परीक्षा नहीं दी तो एक साल बर्बाद हो जाएगा। सर्प विशेषज्ञ विनीत ने बताया कि डॉक्टरों से चर्चा के बाद हमने तय किया कि एक मेडिकल टीम की निगरानी में उसका एग्जाम कराएंगे।

लेकिन जब उसे दर्द निवारक इंजेक्शन दिया तो वह काफी सामान्य महसूस करने लगा और आराम से 3 घंटे का एग्जाम देकर आ गया। अभी मरीज फिर से भर्ती कर लिया गया है और उसकी स्थिति में सुधार है। बाइट जहरीले सर्प का था, इसलिए सूजन कम होने तक उसे ऑब्जरवेशन में रखा जाएगा।

गर्मी में बिलों से बाहर आते हैं सांप
सर्प विशेषज्ञ विनीत महोबिया ने बताया कि जैसे-जैसे मौसम में बदलाव हो रहा है, बिलों में रहने वाले जीव सांप, बिच्छू अब बाहर आने लगे हैं। सर्दियों में सांप अपना भोजन नहीं लेते और बिलों में निष्क्रिय पड़े रहते हैं। इस कारण इनकी ग्रंथियों में जहर पूरी तरह भर जाता है और गर्मी पाकर बाहर आए सांपों का दंश काफी घातक होता है।