गहलोत-पायलट ने सुलह के बाद किया मिलजुल कर काम करने का वादा

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कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा।
Gehlot-Pilot Compromise: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की पहल पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके विरोधी पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच फिलहाल सुलह के संकेत मिल रहे हैं।

वहीं गहलोत बातों ही बातों में यह स्पष्ट कहते नजर आए कि वे पार्टी में सचिन पायलट का अस्तित्व स्वीकार करते हैं, लेकिन वे यह भी चाहते हैं कि उनके किसी समर्थक मंत्री या विधायक के खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि दो महीने पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले सचिन पायलट के बीच कलह की खबरों के बाद तत्कालीन पार्टी महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे राजस्थान के प्रभारी अजय माकन के साथ दोनों पक्षों में सुलह के लिए जयपुर पहुंचे थे।

अजय माकन की सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिशों की आशंका को देखते हुए अशोक गहलोत समर्थक विधायकों ने पार्टी की ओर से बुलाई विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करते हुए वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक आयोजित कर बहुमत के साथ अशोक गहलोत के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त कर दी थी।

इसके बाद खडगे और अजय माकन को दोनों पक्षों में सुलह के बिना ही वापस लौटना पड़ा था। अब जबकि पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा दिसम्बर माह के पहले सप्ताह में झालावाड़ जिले के रास्ते राजस्थान में प्रवेश करने वाले हैं। तब राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों को ही पार्टी की एसेट्स बताया है। इसके बाद इन दोनों नेताओं के बीच विवाद पर शांति की छायी नजर आ रही हैं।

राहुल गांधी की राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए आज संगठन महासचिव केसी वेणुगोपालन की उपस्थिति में लंबे समय बाद एक बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक बार फिर रूबरू हुए और एक-दूसरे का अभिवादन भी किया।

इसके बाद भारत जोड़ो यात्रा की तैयारी को लेकर बैठक हुई, लेकिन इस बैठक से पहले बैठक स्थल के बाहर मुख्यमंत्री गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राहुल गांधी दोनों को पार्टी की एसेट्स मान चुके हैं। यह उनका अच्छा बयान है। जब उन्होंने मान लिया है तो सभी कार्यकर्ता पार्टी की एसेट्स है।

गहलोत ने यह भी संकेत दिया कि यदि उन्हें एसेट्स माना है तो उनके साथियों को भी पार्टी का एसेट्स ही समझा जाना चाहिए। उनका इशारा कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्रियों और विधायकों की ओर था, जिन्होंने गत 25 सितम्बर को समानांतर विधायक दल की बैठक बुलाकर उन्हें सर्वमान्य रूप से अपना नेता माना था।

उसके बाद पार्टी ने वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह राठौड़ को कारण बताओ नोटिस दिया था जिसका वे तीनों जवाब भी दे चुके हैं। गहलोत ने आज यह संकेत दिया कि यदि वे एसेट्स हैं तो उनके किसी समर्थक के खिलाफ कोई कार्यवाही उन्हें मंजूर नहीं है। बहरहाल आज राहुल गांधी की राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के कार्यक्रम को लेकर हुई बैठक में सब कुछ शांतिपूर्वक तरीके से होता हुआ नजर आया।

इस बात के संकेत भी मिलते रहे कि फिलहाल दोनों पक्ष एक-दूसरे पर प्रहार करने से बाज आएंगे। कम से कम गहलोत के नेतृत्व को तो कोई खतरा फिलहाल नजर नहीं आ रहा है।इस बैठक के बाद बाहर मीडिया से मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह हमारी पार्टी की खासियत है कि हम एक जुट रहते हैं। हमारी अगली चुनौती अगला विधानसभा चुनाव जीतना है और हम इसके लिए सब मिलजुल कर काम करेंगे।