खाद्य तेलों का आयात अगस्त में 11 प्रतिशत बढ़ा

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नयी दिल्ली। रुपये में गिरावट के बावजूद देश में इस साल अगस्त में खाद्य तेलों का आयात 11 प्रतिशत बढ़कर 15.12 लाख टन हो गया। पिछले महीने कम आयात होने और आयात के लिहाज से पाम तेल के आकर्षक होने से आयात बढ़ा है। उद्योग संगठन साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

भारत, दुनिया में खाद्य तेल के अग्रणी खरीदार देशों में शामिल है। पिछले साल इसी माह में 13.61 लाख टन खाद्य और अखाद्य तेलों की खरीदारी की गई। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल अगस्त में पाम तेल का आयात छह प्रतिशत बढ़कर 9,20,894 टन हो गया, जो पिछले साल इसी माह में 8,68,744 टन था।

पाम तेलों में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का आयात 6,00,019 टन से बढ़कर 6,49,570 टन हो गया, जबकि कच्चे पाम कर्नेल तेल (सीपीकेओ) का आयात इस अवधि में 4,600 टन से बढ़कर 12,762 टन पर पहुंच गया। हालांकि, आरबीडी पामोलिन तेल का आयात अगस्त 2018 में कम यानी 2,58,562 टन रहा जो इससे पिछले साल की इसी अवधि में 2,64,125 टन रहा था।

देश में कुल खाद्य तेल आयात का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा पाम तेल का है। पाम तेलों के अलावा, देश ने सॉफ्ट तेल का भी आयात किया है जिनकी मात्रा इस वर्ष अगस्त में बढ़कर 5,44,700 टन हो गई, जो पिछले साल समान अवधि में 4,68,181 टन ही था।

सॉफ्ट तेलों में, सोयाबीन तेलों का आयात अगस्त 2018 में बढ़कर 3,12,049 टन हो गया, जो पिछले साल 2,89,746 टन ही था, जबकि सूरजमुखी तेल का आयात बढ़कर 2,08,142 टन हो गया जो पिछले साल की समान अवधि में 1,33,396 टन ही था। हालांकि, इस अवधि में रैपिसेड तेल का आयात पहले के 45,039 टन से घटकर 24,509 टन रह गया।

अक्टूबर 2018 को समाप्त होने वाले तेल वर्ष के दौरान, एसईए ने कुल खाद्य तेलों का आयात 147-148 लाख टन होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष 154.4 लाख टन के हुए आयात से कम है। नवंबर 2017 से इस साल अगस्त के दौरान पहले ही 122.78 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया जा चुका है।

भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल का आयात करता है, और लेटिन अमेरिका से सोयाबीन तेल समेत कच्चे सॉफ्ट तेल कम मात्रा में आयात करता है। सूरजमुखी तेल का आयात यूक्रेन और रूस से किया जाता है।