कोटा पुलिस का सराहनीय कदम, एक सप्ताह में चार कोचिंग छात्रों की बचाई जान

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कोटा शहर पुलिस ने शानदार उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कोटा में रहकर कोचिंग कर रहे छात्र की उसके आत्महत्या करने की कोशिश से पहले ही उसकी जान बचा ली। शहर पुलिस की कोशिश इसलिए भी काफी सराहनीय है कि बीते 36 घंटों में उसने तीन छात्र-छात्राओं को अपनी कीमती जान देने से न केवल रोका बल्कि, उनको उनकी काउंसलिंग करवाकर परिवारजनों को सुपुर्द किया। इसके पहले भी उत्तर प्रदेश पुलिस की सूचना के आधार पर एक कोचिंग छात्र की कोटा पुलिस जान बचा चुकी है।

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा।Kota Police’s Efforts: राजस्थान की कोचिंग सिटी कहे जाने वाले कोटा में लगातार हो रही कोचिंग छात्रों की आत्महत्या की दुर्भाग्यशाली घटनाओं के बीच शहर पुलिस ने कोचिंग छात्रों को समय रहते सूचना मिल जाने के बाद पूरी तत्परता से कार्यवाही करते हुए आत्महत्या करने से रोक कर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है जिसको जमकर सराहना भी मिल रही है।

पिछले महज एक सप्ताह के अल्प समय में पुलिस ने चार छात्रों की कीमती जीवन को बचाया है। इनमें से तीन मामलों में तो कोटा शहर पुलिस बीते 36 घंटो में ही तीन बच्चों को जीवनदाता बनकर सामने आई।

सबसे नवीनतम घटना गुरुवार की है जब पुलिस अधीक्षक (शहर) शरद चौधरी के कथानुसार पुलिस को कोटा के कोचिंग एरिया जवाहर नगर थाना क्षेत्र के राजीव गांधी नगर के हॉस्टल से यह सूचना मिली थी कि एक 19 वर्षीय कोचिंग छात्र ने अपने आप को कमरे में बंद कर लिया है और बार-बार खटखटाने के बावजूद दरवाजा नहीं खोल रहा है। इस छात्र के बारे में किसी अनिष्ट की आशंका भी जताई गई थी।

इस सूचना मिलने के बाद श्री चौधरी ने पुलिस वृत्ताधिकारी (प्रथम) भवानी सिंह इंदा, थाना प्रभारी वासुदेव सिंह, उप निरीक्षक लक्ष्मण लाल को दल-बल सहित राजीव गांधी नगर के हॉस्टल भेजा जहां पुलिसकर्मियों ने कमरे में बंद छात्र की समझाइश करने की कोशिश की और बार-बार उससे दरवाजा खोल कर बातचीत के जरिए समस्या का हल करने का अनुरोध किया।

समझाइश के बाद कोचिंग छात्र बाहर निकला तो वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने उसकी शुरुआती काउंसलिंग की, क्योंकि उसमें ‘ सुसाइडल टेंडेंसी ‘ के प्रारंभिक लक्षण नजर आ रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ निवासी इस छात्र के परिवारजनों को भी फोन पर इस घटना के बारे में सूचना दी और कोचिंग छात्र की बातचीत भी करवाई जो संभवत जल्दी कोटा पहुंच भी रहे हैं।

यह छात्र पिछले करीब एक साल से कोटा के एक निजी शिक्षण संस्थान में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की कोचिंग ले रहा था लेकिन बाद में उसने कोचिंग छोड़ दी थी और स्वाध्याय कर जेईई को प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था जिसका तीन दिन पहले ही परिणाम आया है।

पुलिस ने बाद में एक निजी कोचिंग संस्थान के काउंसलर को बुलाकर इस कोचिंग छात्र को काउंसलिंग के लिए उसके हवाले कर दिया। पुलिस ने अपने स्तर पर कोचिंग छात्र को निगरानी में रहने की पुख्ता व्यवस्था की है और उसका हर संभव तरीके से मनोबल बढ़ाया जा रहा है।

इसके पहले कोटा पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कोटा के राजीव गांधी नगर के कोचिंग हॉस्टल एरिया के दो हॉस्टलों से अलग-अलग मामलों में मंगलवार और बुधवार को अपने हॉस्टलों के कमरों को भीतर से बंद कर लिया था और यह आशंका जताई जा रही थी कि वे आत्महत्या जैसा आत्मघाती और दुर्भाग्यशाली कदम उठा सकते हैं।

इस सूचना के आधार पर पुलिस अधीक्षक (शहर) शरद चौधरी के निर्देश पर पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे और दोनों छात्र-छात्राओं की समझाइश की और कोई भी गलत कदम नहीं उठाने का आग्रह किया जिसे एक कोचिंग छात्रा ने मानकर कमरे का दरवाजा खोल दिया लेकिन दूसरे मामले में दरवाजा तोड़कर पुलिस को भीतर प्रवेश करना पड़ा। बाद में पुलिस ने दोनों छात्रों की समझाइश की और अब दोनों कोचिंग छात्र-छात्रा ठीक है और उनके परिवारजन भी कोटा पहुंच गए हैं।

इसके पहले बीते सप्ताह 10 फरवरी को कोटा शहर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी को उत्तर प्रदेश पुलिस से केवल एक छात्र के नाम का इनपुट मिला था कि यह छात्र कोटा में रहकर कोचिंग कर रहा है और इसके आत्महत्या करने की आशंका है।

शरद चौधरी ने इस सूचना को गंभीरता से लिया और खुद पुलिस अधिकारियों की एक बड़ी टीम के साथ इस कोचिंग छात्र को आत्महत्या करने से रोकने के लिए मैदान में उतर कर मोर्चा संभाला और नाम के आधार पर ही उस छात्र के हॉस्टल का पता लगा लिया जहां वह रह रहा था।

यह कोटा की कुन्हाड़ी इलाके का कोचिंग छात्रों का हॉस्टल था। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस वहां पहुंची और उस छात्र को न केवल आत्महत्या करने से रोक लिया बल्कि उसके परिवारजनों को उनके सुपुर्द भी किया। समय रहते उसकी काउंसलिंग भी कराई गई। यह अद्भुत मामला था जिसमें पुलिस ने कुछ ही घंटों की कड़ी मेहनत से एक कीमती जीवन को जाने से बचा लिया।

पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने गुरुवार की घटना के बाद एक बार फिर से कोचिंग छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए अपील जारी की है जिसमें उनसे आग्रह किया है कि वे बाहर से आकर यहां कोचिंग कर रहे अपने बच्चों के लगातार संपर्क में रहे और उन पर अपना पूर्ण विश्वास व्यक्त करें।

शिक्षा के मामले में वे किसी भी तरह से अन्य बच्चों से अपने बच्चों की तुलना नहीं करें। बच्चे यदि पढ़ाई में कमजोर हैं तो उन पर विश्वास व्यक्त करें और उनका मनोबल बढ़ाएं।