कोटा के जेके लोन अस्पताल में मरने वाले बच्चों की तादाद बढ़कर 100 हुई

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कोटा/जयपुर।दो दिन में 9 बच्चों की मौत के साथ कोटा के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर महीने में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 100 के पार हो गई है। बच्चों की मौत पर राजनीति शुरू हो गई है। विपक्षी दल बीजेपी ने राजस्थान सरकार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर हमला बोला है।

बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा कि एक महीने में 100 बच्चों की मौत इतनी मामूली बात नहीं कि मीडिया आंखें मूंद ले। इधर, बीएसपी चीफ मायावती ने भी गहलोत सरकार और प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है।

अस्पताल प्रशासन ने बताया कि दिसंबर 2018 में इसी अस्पताल में 77 बच्चों की मौत हो गई थी। अस्पताल के सुपिरिंटेंडेंट डॉ. सुरेश दुलारा ने बताया कि 30 दिसंबर को 4 बच्चों और 31 दिसंबर को 5 बच्चों की मौत हो गई। उन्होंने इसके पीछे वजह बताते हुए कहा कि सभी की मौत जन्म से कम वजन के चलते हुई है। उधर, इतनी अधिक संख्या में बच्चों की मौत पर बीजेपी ने भी प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है।

कोटा इतनी भी दूर नहीं कि सोनिया-राहुल आ न सकें’
बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा, ‘एक महीने में 100 नवजात शिशुओं की मौत हो जाती है, और राजस्थान के मुख्यमंत्री से कोई सवाल नहीं पूछे जाते। कोटा इतनी भी दूर नहीं की सोनिया और राहुल गांधी वहां जा ना सकें और यह घटना इतनी भी मामूली नहीं की मीडिया कांग्रेस सरकार की इस लापरवाही पर आंख मूंद ले।’

प्रियंका और गहलोत पर भड़कीं मायावती
बीएसपी की प्रमुख मायावती ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से मांओं का गोद उजड़ना अति-दुःखद और दर्दनाक है। वहां के सीएम अशोक गहलोत खुद और उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निंदनीय है।’

माया ने लिखा, ‘उससे भी ज्यादा अति दुःखद है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व खासकर महिला महासचिव (प्रियंका गांधी) की इस मामले में चुप्पी साधे रखना। अच्छा होता कि वह यूपी की तरह उन गरीब पीड़ित मांओं से भी जाकर मिलती, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही के कारण उजड़ गई हैं। यदि कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की ‘मांओं’ से नहीं मिलती हैं तो यहां अभी तक किसी भी मामले में यूपी पीड़ितों के परिवार से मिलना केवल इनका यह राजनैतिक स्वार्थ और कोरी नाटकबाजी ही मानी जाएगी, जिससे यूपी की जनता को सर्तक रहना है।’

राजस्थान सरकार ने दिए जांच के आदेश
उधर, बच्चों की मौत से जागी राजस्थान सरकार ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में सभी मेडिकल उपकरणों के फंक्शनल स्टेटस की जांच का आदेश दिया। डॉ. दुलारा ने बताया, ‘2018 में इस अस्पताल में 1005 बच्चों की मौत हुई थी जबकि 2019 में 963 बच्चों की मौत हो गई।’ कोटा जिला कलेक्टर ओम कसेरा और अस्पताल सुपरिंटेंडेंट से मिले डेटा के अनुसार, 2014 से जेके लोन अस्पताल में शिशु मृत्यु दर हर साल कम हुई है।

मेडिकल एजुकेशन विभाग ने लिखा पत्र
2014 में 1,198 शिशुओं की मौत हुई थी, जो अस्पताल में भर्ती 15,719 बच्चों की संख्या का 8 फीसदी है। दिसंबर 2019 में अधिक संख्या में शिशुओं की मौत के विवाद के बाद अस्पताल ने चिकित्सा उपकरणों को अपग्रेड और मेंटिनेंस पर ध्यान देना शुरू किया है। इसे संज्ञान में लेते हुए मेडिकल एजुकेशन विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और कंट्रोलर को पत्र लिखा था।