कश्मीरी पंडितों को अब मातृभूमि में ऐसे बसना है कि फिर कोई उजाड़ न सके : मोहन भागवत

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जम्मू। नवरेह महोत्सव में कश्मीरी पंडितों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने कहा कि अब संकल्प पूरा करने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि अगले साल कश्मीरी हिंदुओं का नवरेह अपने घर कश्मीर में मनाने का संकल्प पूरा करना जरूरी है। मोहन भागवत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कश्मीरी हिंदुओं को संबोधित किया।

एक से तीन अप्रैल तक जम्मू में संजीवनी शारदा केंद्र की तरफ से तीन दिन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें तीसरे दिन सरसंघचालक ने कश्मीर हिंदू समुदाय को संबोधित किया। मोहन भागवत ने कहा कि अबकी बार मातृभूमि में ऐसे बसना है कि फिर कोई उजाड़ न सके। सभी के साथ मिलजुलकर रहना है।

मोहन भागवत ने कहा, ‘मैंने पहले ही कहा था कि कश्मीरी पंडितों के मुद्दे जन जागरूकता से ही हल होंगे और आर्टिकल 370 जैसी बाधाओं को हटाना होगा। 2011 के बाद इन 11 सालों में हमारे सामूहिक प्रयासों के कारण अब कोई आर्टिकल 370 नहीं है।’

फिल्म कश्मीर फाइल्स का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा, ‘सच धीरे-धीरे सामने आ रहा है। आम लोग कश्मीरी हिंदुओं का दर्द समझ रहे हैं और उनके बीच कश्मीरी हिंदुओं के लिए सहानुभूति है। भागवत ने कहा, ‘हम (कश्मीरी पंडित) पिछले 3-4 दशकों से अपने ही देश में अपने घर से विस्थापित होने का खामियाजा भुगत रहे हैं। यह जरूरी है कि हम इस स्थिति में हार स्वीकार न करें और चुनौतियों का सामना करें।’

कश्मीरी हिंदुओं को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा, ‘हमने चरमपंथ के कारण (कश्मीर) छोड़ दिया लेकिन अब जब हम लौटेंगे तो हम अपनी सुरक्षा और आजीविका के आश्वासन के साथ हिंदू और भारत भक्त के रूप में वापस जाएंगे। हम इस तरह से जाएंगे कि कोई हमें विस्थापित करने की हिम्मत न करें।’